Question Covered
- What is Share in the stock market?
- What is a stock example?
- What is the difference between stock and shares?
प्रचलित शब्द प्रयोग
विषय के माध्यम से देखे तो शेयर बाजार में दो शब्द ज्यादातर उपयोग होते है, शेयर और स्टॉक। अब ‘स्टॉक’ शब्द की परिभाषा से शब्द के अर्थ को देखे तो स्टॉक का मतलब संग्रह करना, भंडार अथवा सामग्री होता है। देखा जाए तो यह शब्द बाजार की परिभाषा से इतना मतलब नहीं रखता। यह शब्द सालों से उपयोग में आता रहा है। इसलिए आज भी इसका उपयोग होता है। देखा जाए तो शेयर यह शब्द बाजार की परिभाषा के ज्यादा करीबी मतलब रखता है। शेयर इस शब्द का अर्थ हिस्सा होता है। तो आइये अब इसे विस्तार से समझते है, की इसे शेयर या स्टॉक क्यों कहा जाता है?
What is share in Share Market?
व्याख्या
शेयर इस शब्द का अर्थ हिस्सा होता है, इसे व्यापक रूप से समझे तो। जब कोई भी कंपनी अपने व्यापार की वृद्धि और विकास के लिए पूंजी जमा करना चाहती है, तब कंपनी बाजार में निवेशकों के लिए अपनी हिस्सेदारी यानि भागीदारी पेश करती है। इसी को शेयर तथा स्टॉक कहा जाता है। इसका दूसर अर्थ जह भी है की जब कोई निवेशक कंपनी द्वारा पेश की गई हिस्सेदारी को खरीदता है, तब वह उतने हिस्से का कंपनी में भागीदार बन जाता है।
शेयर क्या है उसका उदाहरण
उदहारण के तौर पर मान लीजिये की आपने अपने किसी दोस्त के साथ मिलकर कोई कारोबार, कोई भी दुकान शुरू की है। तो ऐसे में हम क्या करते है की हम पहले ही यह निश्चित करते है की अगर मुनाफा होगा तो उसका बटवारा किस अनुपात में होगा। मतलब अगर हमें 100 रुपयों का मुनाफा होगा तो हम 50:50 के अनुपात में मुनाफा आपस में बाट लेंगे। अब यह अनुपात कुछ भी हो सकता है, जितना जिसका काम होगा अथवा जितनी जोखिम या जितना निवेश होगा उस हिसाब से अनुपात निश्चित होगा।
इसका मतलब है की आप उस कारोबार के, दुकान के उतने प्रतिशत के हिस्सेदार है। उतना प्रतिशत आपकी भागीदारी याने शेयर है। याने आप जब कभी किसी कंपनी के शेयर खरीदते हो, तो आप उस कंपनी के उतने प्रतिशत भागीदार होते हो।
मान लीजिये की किसी ABC कम्पनी ने 100000 शेयर्स मार्केट में है। और अगर आपके पास उस कंपनी के 1000 शेयर्स है। मतलब आप उस कम्पनी के 1% भागीदार है। याने अगर कंपनी भविष्य में अच्छा व्यापार करेगी, मुनाफा कमाएगी तो कंपनी के शेयर की कीमत भी बढ़ेगी और इसका फायदा आपको भी होगा। आपके भी शेयर की कीमत बढ़ेगी और लाभ होगा।
कंपनी शेयर क्यों पेश करती है?
हम जब भी कोई व्यापार शुरू करना चाहते है, तब हम क्या करते है? ज़ाहिर है की कोई भी व्यापार शुरू करने के लिए बोहोत सारे पैसों की जरुरत होगी। ऐसे में हमारे पास कुछ पैसे जमा करने के कुछ पर्याय उपलब्ध है, जैसे की हम बैंक से लोन ले लेंगे, घरवालों से पैसे उधर लेंगे, या फिर दोस्त-रिश्तेदारों से पैसे उधार ले लेंगे। इन सभी माध्यमों में से हमें पैसे मिल भी सकते है या फिर नहीं भी। मिलते है तो अच्छा ही है। लेकिन मान लीजिये की आपको कही से भी पैसे नहीं मिलते है, तो हो सकता है की आप कही न कही से पैसे जुटाकर अपना व्यापार शुरू कर दे। पर फिर भी आगे जाकर अगर हम अपने व्यापार का विस्तार करना चाहे, उसे बड़े स्तर पर ले जाना चाहे, तो हमे और भी ज्यादा पैसों की जरुरत लगेगी।
तो ऐसी स्थिति में हम क्या करेंगे? अगर हमे विश्वास है की हमारा व्यापार अच्छा है, तो ऐसे में हम अपने व्यापार के विस्तार के लिए SEBI (Securities and Exchange Board of India) के पास जायेंगे। अपनी कम्पनी का पंजीकरण कर सेबी के माध्यम से बाजार में आय.पी.ओ. (IPO) लाकर अपने कंपनी की हिस्सेदारी की आम जनता को पेश करेंगे। इस हिस्सेदारी का ही मतलब शेयर होता है। कंपनी द्वारा स्टॉक्स की संख्या और कीमत निश्चित की जाती है और फिर लोग स्टॉक मार्किट में कंपनी की हिस्सेदारी आय.पी.ओ. के रूप में खरीदते है। और इस तरह से कंपनी के विस्तार और वृद्धि के लिए पैसे मिल जाते है।
स्टॉक / शेयर वह वित्तीय साधन है जो की कोई कम्पनी हमें पेश करती है। हुए उसे खरीदकर याने निवेश कर हम कम्पनी के हिस्सेदार बन जाते है। यह एक वित्तीय साधन है जिसके उपयोग से कोई भी कंपनी अपनी वृद्धि और विकास के लिए पूंजी जमा करती है।
भागीदार (शेयर होल्डर) और मालिक में अंतर?
जैसा की मैंने कहा है की हमारे पास किसी कंपनी के जितने प्रतिशत शेयर होंगे हम उतने प्रतिशत के कंपनी में भागीदार होंगे। लेकिन यहाँ समझने वाली बात यह है की कंपनी के शेयर खरीदने से हम कंपनी के मालिक नहीं बन जाते। इससे हमें सिर्फ कुछ अधिकार प्राप्त होते है, जैसे की हम कंपनी की बोर्ड मीटिंग में सहभाग ले सकते है, बोर्ड मीटिंग में लिए निर्णयों पर अपना वोट दे सकते है, कंपनी हमें भागीदार के तौर पर लाभांश अदा करती है।