Question Covered in the Post
- How do you define support and resistance?
- What is the rule of support and resistance?
- Why is it called support and resistance?
प्रचलित शब्द प्रयोग
इसका हिंदी में अर्थ देखने जाए तो आधार और विरोध रेखा है। लेकिन इसे बाजार की भाषा में ज्यादातर सपोर्ट और रेसिस्टेंस इन्ही शब्दों का उपयोग किया जाता है। इसलिए आसानी से समझने के लिए हम पोस्ट में भी इन्ही शब्दों का उपयोग करने वाले है।
व्याख्या और अर्थ
इसकी कोई विशेष व्याख्या नहीं है। सपोर्ट लाइन (Support Line) का मतलब चार्ट पर बनने वाला कीमत का एक ऐसा स्तर जहा खरीदारी होने की संभावना ज्यादा है। उसी तरह रेसिस्टेन्स लाइन (Resistance Line) याने कीमत का वो स्तर जहा बिकवाली होने की संभावना ज्यादा है। और इन स्तरों को पिछले डाटा के सहारे बनाया जाता है।इसी को बाजार में आपूर्ति (सप्लाई) और मांग (डिमांड) क्षेत्र भी कहते है।
सपोर्ट और रेसिस्टेंस कैसे बनता है?
बाजार में जो भी नए ट्रेडर्स आते हैं, कभी न कभी उन्होंने इन शब्दों को सुना होता है, की यहाँ सपोर्ट ज़ोन बन रहा है, यहाँ रेसिस्टेन्स ज़ोन बन रहा है। या जब वो लगातार लॉस करते है तब उनके दिमाग में हमेशा ही यह प्रश्न बना रहता है की पता ही नहीं चलता की कहा खरीदना चाहिए या कहा बेचना चाहिए।
इसे शुरुआत से समझे तो चार्ट पर बन रही कैंडलस्टिक संरचना यानी मार्केट स्ट्रक्चर आपको बताता है कि आपको क्या करना चाहिए। यानी हमें खरीदारी के अवसरों की तलाश करनी चाहिए या बेचने के अवसरों की तलाश करनी चाहिए।
इसे हम कीमत का स्तर या मूल्य का क्षेत्र (Area of Value) कहते हैं। जिसकी सहायता से हमें यह पता चलता है यहाँ से खरीदारी होने की संभावना बन रही है या बिकवाली होने की संभावना अधिक होती है।
अब सवाल यह उठता है कि हम इस कीमत के क्षेत्र याने Area of Value को कैसे तलाश सकते है। ऐसे स्तरों की सहायता से हम सपोर्ट और रेसिस्टेंस ज़ोन को अच्छे से पहचान सकते हैं।
सपोर्ट (Support)
सपोर्ट यानी चार्ट पर दिखाई देने वाला किमत का वह स्तर या क्षेत्र होता है, जहां से खरीदारी होने की संभावना अधिक होती है। इसे समझने के लिए आप नीचे दिए गए चार्ट को देख सकते हैं।
Support Formation Chart
अभी चार्ट में आपको दिखाई दे रहा होगा की कीमत एक स्तर तक नीचे आकर वहां से पुल बैक लेकर फिर से ऊपर जा रही है। और जब कीमत बार-बार ऐसे बिंदु बना रही है, या फिर ऐसे स्तर को बनाती, जहा से लोग खरीदने की मानसिकता रखते हैं। ऐसे बिंदु को बाजार की भाषा में सपोर्ट कहा जाता है।
रेजिस्टेंस (Resistance)
रेजिस्टेंस कीमत के उस स्तर या बिंदु को दर्शाता है। जहाँ पर कीमत को उस बिंदु के ऊपर जाने में विरोध होता है। या ऐसा कह सकते है की जहा लोग बेचने की मानसिकता रखते है। आप नीचे दिए गए चार्ट को देखे तो वहां ऐसे बिंदुओं को दर्शाया गया है। जहां पर कीमत को ऊपर जाने से रोका जाता है, मतलब वहां से कीमत में गिरावट आने लगती है।
Resistance Formation Chart
सपोर्ट और रेजिस्टेंस बनते क्यों है?
अब हमें यह तो समझ आ गया की कीमत जहा आधार लेगी और ऊपर जाएगी वह स्तर सपोर्ट बन जायेगा और जहा कीमत को ऊपर जाने से विरोध होगा तो वह स्तर रेसिस्टेंस बन जाएगा। लेकिन क्या हम यह सोचते भी है की यह सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बिंदु बनते क्यों है? इसके पीछे कई कारण हो सकते है। लेकिन मैं यहां एक कारन को समझने की कोशिश करूँगा।
सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बिंदु बनने के पीछे एक कारण यह होता है की इतिहास में मतलब पिछले कुछ दिन, महीने या फिर कुछ साल पहले अगर किसी स्तर पर आकर कीमत में अगर गिरावट आई हो, या फिर उस स्तर पर आने के बाद कीमत में तेजी आई हो। तो भविष्य में भी उस बिंदु पर आने के बाद कीमत ठीक उसी तरह से बर्ताव करने की संभावना ज्यादा होती है। इसीको अंग्रेजी में कहा जाता है की “History repeat itself” यानि इतिहास की पुनरावृत्ति होगी। पर हम ध्यान से समझे तो असल में यह कीमत नहीं होती जो ऊपर या निचे जाती है। बल्कि यह लोगों की मानसिकता को दर्शाता है कि अगर पिछली बार कीमत किसी स्तर पर आने के बाद उसमे गिरावट आई है, तो लोग भविष्य में भी उसी बिंदु पर बेचने की संभावना ज्यादा होती है और ठीक उसके विपरीत पिछले समय में अगर किसी बिंदु पर आकर कीमत में तेजी आई हो, तो भविष्य में कीमत में उसी स्तर पर आने के उछाल आने की सम्भावना ज्यादा होती है। मतलब उस बिंदु पर लोग और खरीदारी करने की मानसिकता रखते हैं। इस तरह से कीमत में जो उतार-चढ़ाव होता है और ऐसे सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बिंदु निर्माण होते हैं, असल में यह बिंदु ट्रेडर की मानसिकता को दर्शाते हैं।
सपोर्ट / रेसिस्टेन्स कैसे बनाते है?
स्टॉक चार्ट पर सपोर्ट और रेसिस्टेन्स (Support and Resistance) की रेखाएं खींचना टेक्निकल अनालिसिस (Technical Analysis) का एक महत्वपूर्ण भाग है। (How to Draw Support and Resistance) जिसका उपयोग ट्रेडर और निवेशकों द्वारा कीमत के प्रमुख स्तरों की पहचान के लिए किया जाता है। यह कीमत का वह बिंदु या स्तर होता है, जहां स्टॉक की कीमत में तेजी अथवा गिरावट आने की संभावना होती है। तो अब समझते है की स्टॉक चार्ट पर सपोर्ट और रेसिस्टेन्स की रेखाओं को कैसे बनाते है।
सपोर्ट और रेसिस्टेन्स की रेखाएं
- सबसे पहले आपको स्टॉक के चार्ट पर कीमत के ऐसे अधिकतर बिन्दुओ को ऊँचाइयों (High’s) और निम्न (Low’s) को ढूंढ़ना है। जहा से कीमत ने पुलबैक किया हो, या जहा से कीमत में तेजी अथवा गिरावट आई हो।
- अगर चार्ट पर किसी ऊंचाई पर ऐसे बिंदु बन रहे है, जहा से कीमत को ऊपर जाने में विरोध हो रहा है, तो उसे हम रेसिस्टेन्स बिंदु कहेंगे। और उन बिन्दुओ को जोड़कर हम एक सीध में रेखा खींच लेंगे। जिसे हम रेसिस्टेंस रेखा / लाइन कहते है। ताकि कीमत जब उस स्तर पर आ जाये तो हम चार्ट को और स्थिति को देखकर यह निर्णय ले सके की हमें क्या करना है।
निचे रिलायंस (Reliance) कंपनी का चार्ट है। इसे एक दिन की अवधी ( 1 Day Time Frame) पर कैंडलस्टिक चार्ट को देखे तो हमे 870 की कीमत के पास कई जगहों पर रेसिस्टेंस याने विरोध बिंदु बनते दिखाई देंगे। जहां से कीमत में हरबार गिरावट आई है। हालांकि एक बार कीमत 870 के ऊपर जाती दिखाई पड़ती है, लेकिन कीमत की यह स्थिति ज्यादा दिनों तक नहीं रही और कीमत फिर से 870 की कीमत से अंदर याने निचे आ गई है। मतलब इन सभी बिंदुओं को जोड़कर हम एक सीधी विरोध (Resistance) रेखा खींच सकते है।
Reliance Industries Chart of Resistance
अगर आपको चार्ट ठीक से दिखाई नहीं दे रहा हो तो आप अपने ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर जाकर, अथवा TreadingView पर जाकर देख सकते है।
- इसके विपरीत अगर चार्ट पर किसी निम्न स्तर पर ऐसे बिंदु बन रहे है, जहा से कीमत को निचे जाने में विरोध हो रहा है, तो उसे हम सपोर्ट बिंदु कहेंगे। और उन बिन्दुओ को जोड़कर हम एक सीध में रेखा खींच लेंगे। जिसे हम सपोर्ट रेखा / लाइन कहते है। ताकि कीमत जब उस स्तर पर आये तो हम चार्ट को देखकर यह निर्णय ले सके की हमें क्या करना है।
यह विप्रो (Wipro) कंपनी का चार्ट है। इसे हम एक दिन की अवधी ( 1 Day Time Frame) पर कैंडलस्टिक चार्ट को देखे तो हमे 377 की कीमत के पास कई जगहों पर सपोर्ट याने आधार बिंदु बनते दिखाई देंगे। जहां से कीमत में हरबार उछाल आया है। हालांकि एक बार यह कीमत 377 के निचे तक जाती दिखाई पड़ती है, लेकिन कीमत की यह स्थिति ज्यादा दिनों तक नहीं रही और कीमत ने 377 की कीमत से ऊपर आकर फिर से ऊपर जाती हुई दिखाई पड़ती है। मतलब इन सभी बिंदुओं को जोड़कर हम एक सीधी आधार (Support) रेखा खींच सकते है।
Wipro Chart of Support
अगर आपको चार्ट ठीक से दिखाई नहीं दे रहा हो तो आप अपने ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर जाकर, अथवा Treading View पर जाकर देख सकते है।
सपोर्ट / रेसिस्टेंस रेखाएँ खींचते समय जरूर ध्यान दे।
- सपोर्ट या रेजिस्टेंस की रेखा कम से कम तीन बिंदुओं को जोड़ती होनी चाहिए। रेखा जितने ज्यादा बिन्दुओ को जोड़ेगी कीमत का स्तर उतनाही मजबूत माना जा सकता है।
- रेखा एकदम सीधी होनी चाहिए।
- रेखा कैंडलस्टिक को बीचमे से न काटती हो। अगर कीमत ने सपोर्ट या रेजिस्टेंस की रेखा को तोड़कर ऊपर या निचे कोई कैंडल बनाया होगा। तो हम उस रेखा को मजबूत नहीं मान सकते। या कीमत ऐसा स्तर ज्यादा भरोसेमंद नहीं होता।
- रेखा की मजबूती की जाँच करने के लिए चार्ट को दैनिक, साप्ताहिक, मासिक अवधि (Daily, Weekly, Monthly Time Frame) पर रखकर पुष्टि करे।
- अलग-अलग समय सीमा में बिंदुओं को जोड़कर अगर सपोर्ट या रेजिस्टेंस की रेखा बनती है, तो यह स्थिति रेखा को और मजबूती प्रदान करती है।
महत्वपूर्ण बात
यहा महत्वपूर्ण बात यह है कि जब कोई भी सपोर्ट टूटता है तो वह रेजिस्टेंस बन जाता है और उसी तरह जब कोई रेजिस्टेंस टूटता है, तो वह बिंदु सपोर्ट बन जाता है। रेसिस्टेंस के संदर्भ में ठीक इसके विपरीत होता है। जब कोई रेसिस्टेंस बिंदु टूटता है तो आगे जाकर वही बिंदु सपोर्ट बन जाता है।