Develop Your Trading Mind
क्या आप भी माधुरी दीक्षित की “एक, दो, तीन, चार, पांच, छे, सात, आठ, नौ, दस, ग्यारह” इस गाने की तरह एक के बाद एक ट्रेड लेते जाते है। तो यह लेख आपके लिए है।
एक आदमी है, जिसका नाम ही “आदमी” है। उसके पास बहुत सारे पैसे हैं और एक घर भी है। लेकिन उसे नहीं पता कि उन पैसों का क्या करना है। तो एक दिन वो सोचता है कि क्यों ना इन पैसों को कही इन्वेस्ट करके बढ़ाया जाए। लेकिन जो ने यहाँ एक गलती की है।
उसने ये सोचा कि इन्वेस्टिंग बहुत आसान है, जैसे कि कोई खेल होता है। पर आप जब कोई भी खेल खेलते हैं, तो भी आपको उसके रूल्स पता होने जरुरी होता है। अगर आपको रूल्स नहीं पता है, तो आप हार जाएंगे। जिस तरह जब “आदमी” ऑफिस में काम करता था। तो उसने काफी साल लगाए, पढ़ाई की, ट्रेनिंग ली, एक्सपीरियंस लिया। तब जाकर “आदमी” को जॉब मिला और उसमे अच्छा किया।
लेकिन इन्वेस्टिंग करने से पहले उसने ऐसा कोई एफर्ट नहीं लगाया। उसने बस सोचा और पैसे डाल दिए। जब उसने पहली बार इन्वेस्टमेंट किया, तो बिगिनर्स लक की वजह से उसे थोड़ा बहुत पैसा इन्वेस्टमेंट में प्रॉफिट मिला। लेकिन उसने उस प्रॉफिट को अपने निजी चीजों पर खर्च कर दिया। फिर धीरे-धीरे चीजे बदलती चली गई। मार्केट गिरने लगा और उसे नुकसान होना शुरू हुआ। उसका इन्वेस्टमेंट वैल्यू गिरती चली गई और उसे एक बड़ा लॉस दिखाई देने लगा। और अब नहीं पता था कि क्या करना चाहिए।
क्या यह कहानी हमारी और आपकी नहीं है। जरा सोचकर देखिये। जब भी बाजार तेजी में होता है। हर कोई निवेश करना चाहता है। यह ठीक बारिश के मेंढक जैसी स्थिति है, जब बारिश होती है तो एक एक कर सभी मेंढक बाहर आने लगते है। ठीक वैसे ही जब बाजार तेजी में होता है, तो हर कोई निवेश करना चाहता है। और यही वो समय होता है जब बाजार उन्हें निवेश के बदले अच्छे रिटर्न्स भी देता है।
लेकिन जब बाजार में गिरावट आती है, तब हम डर जाते है, क्योंकि हमारा निवेश का निर्णय हमारा था ही नहीं। यह तेजी के कारन, बाजार में चल रही खबरों, तथा परिस्थिति के कारन बिना सोचे समझे लिया गया एक निर्णय था। तो जब सब डूबने लगता है, तब हम सोचना शुरू करते है की अब हमें क्या करना चाहिए। जब की यह निवेश करने से पहले सोचना जरुरी होता है। आज मैं Develop Your Trading Mind में इसी से संबंधित कुछ जरुरी पॉइंट्स बताने वाला हु।
Develop Your Trading Mind भाग पहला
१. इन्वेस्टिंग एक सीरियस जॉब – इन्वेस्टमेंट को हमेशा एक जॉब की तरह समझे , ना की किसी सट्टे की तरह। यहाँ मैं खेल इसलिए नहीं कह रहा हु, क्योंकि खेल के भी नियम होते है। और खेल को जितने के लिए भी हमें नियम अच्छे से पता होना जरुरी होता है। तो इसे एक जॉब की तरह ले, आप काम करेंगे तभी आपको उसका रिवॉर्ड मिलेगा। नहीं तो आपका पैसा जाएगा।
२ मेक प्लान फॉर यूअर इन्वेस्टमेन्ट – कोई भी किसी भी तरह की इन्वेस्टमेंट के करने से पहले आपको प्लानिंग की सख्त जरूरत होती है। आप ऐसे ही किसी भी इन्वेस्टमेंट में, या किसी भी फंड में पैसे नहीं डाल सकते। हमें इन्वेस्टमेंट में भी प्रॉपर प्लान करना पड़ता है, अपने गोल्स बनाने पड़ते है।
३. गलतियों से सीखे – अपनी गलतियों से सीखे, उन्हें लिखकर रखे और उन मिस्टेक्स को रिपीट ना करें।
४. एक रूटीन – एक अच्छा सा रूटीन बनाना चाहिए ताकि आप अच्छे डिसीजन ले सके और यह आप बनाते हैं। जैसे आप मान लो ट्रेड कर रहे हैं, तो आपको प्रॉपर सेटअप, प्रॉपर चेक लिस्ट होती है कि जब ये चेक लिस्ट प्रॉपर होगी, तब जाके आप ट्रेड लेंगे। अगर चेकलिस्ट पूरी नहीं होती तो आप ट्रेड नहीं लेंगे।
५. आपको कम से कम एक स्ट्रेटेजी पता होनी चाहिए। जो आपको लग रहा है कि आप उसमें मास्टर हैं और जो आपके लिए काम भी कर रही है।
ट्रेडिंग संबंधी कुछ महत्वपूर्ण बातो को मैं यहाँ संक्षिप्त में बताने जा रहा हु। उन्हें ध्यान से समझे। Develop Your Trading Mindसे जरूर आपको अपनी ट्रेडिंग स्टाइल में सुधार करने में जरूर मदद मिलेगी।
Develop Your Trading Mind भाग पहला दूसरा
-वर्किंग ऑन योरसेल्फ
जब कोई ट्रेडर ट्रेड करता है, तो सबसे पहले उसका ये काम होता है कि वो अपने आप को जाने, अपने खुद को समझे। बहुत सारे लोग यही गलती करते हैं, क्योंकि वो किसी एक्सपर्ट से सीखते हैं, तो उनके लिए जो कोई ट्रेडिंग स्ट्रेटजी काम कर रही है, उसी को देखते है।
उन्होंने कैसा रिस्क लिया है, क्या टारगेट लिया है और ठीक वही सब कॉपी करने की कोशिश करते हैं। और आखिर में देखते है की वो उनके आसपास भी नहीं है। एक सक्सेसफुल ट्रेडर बनने में सबसे जरुरी और सबसे पहली चीज होती है की आप अपने आप को जाने, अपने ट्रेडिंग स्टाइल को खुद से डेवेलोप करे। Develop Your Trading Mind में हम इसके संबंधित कुछ पॉइंट को समझते है।
पॉइंट एक: आपकी सोच
Develop Your Trading Mind में आपको खुदको अपनी ट्रेडिंग सायकोलोजी यानि आपको अपने सोच (थॉट्स) और अपनी फीलिंग्स की समझ होनी चाहिए। यानि जब आप कोई ट्रेड लते है, तब या तो आप प्रॉफिट में होते हो, या लॉस में। लेकिन उस वक्त किसी भी ट्रेडर के इमोशन, फियर से ग्रीड की तरफ और ग्रीड से फियर की तरफ बदलते रहते हैं। हो सके तो जो कुछ आप सोच रहे है उसे एक बुक में लिखे। की उस वक्त आप क्या सोच रहे है। और ट्रेड के बाद उसे पढ़े की जब ट्रेड शुरू था तब आपका दिमाग किस तरह से काम कर रहा था।
पॉइंट दो: एक-दो-तीन
आपको यह अच्छे से पता होना चाहिए की आपको कितना ट्रेड करना है। चाहे आपको एक दिन में एक ट्रेड करना है, हफ्ते में एक ट्रेड करना है, या फिर एक महीने में एक ट्रेड करना है। माधुरी दीक्षित की तरह एक-दो-तीन-चार-पांच-छे-सात-आठ-नौ करते हुए पचासों ट्रेड नहीं करने है। उसको उसका पिया नहीं मिला था आपको आपका प्रॉफिट नहीं मिलेगा।
पॉइंट तीन: ट्रेडिंग रेसिपी
आप जब कोई खाना बनाने के बारे में सोचते है तब सबसे पहले आप क्या सोचते है की हमें किन-किन चीजों की जरुरत है। फिर हम सोचते है की कब क्या और कितनी मात्रा में डालना है? कितना पकाना है और इसी तरह कोई भी रेसिपी तैयार होती है।
ठीक उसी तरह आप जब ट्रेड लेते हैं। तो आपको पता होना चाहिए की कब क्या करना है। आपका हर ट्रेड प्लान होना चाहिए। कब ट्रेड में एंट्री करनी है, कहा तक रुकना है और कब बाहर निकलना है, यह सब आपको अच्छे से पता होना चाहिए। इसी को हम ट्रेडिंग रेसिपी कहते है।
पॉइंट चार : किस-किससे प्यार करू
ट्रेडिंग में आपको “किस-किससे प्यार करू?” यह मानसिकता नहीं रखनी है। की जो भी स्टॉक देखा अच्छा लगा और उसमे बिना सोचे निवेश कर दिया। आप किसी स्टॉक्स को सेलेक्ट करते हैं, तो आपको पता होना चाहिए, हम किस आधार पर उसे सेलेक्ट कर रहे है। हमारे लिए उसे खरीदने के क्या-क्या पैरामीटर हैं। और अपने ट्रेडिंग सिस्टम में कौन-कौन से सेटअप है, जो उसे खरीदने की ओर इशारा कर रहे है।
पॉइंट चार : पोजीशन और रिस्क
यह पोजीशन साइजिंग के ऊपर और रिस्क मैनेजमेंट के ऊपर है। यह सबसे महत्वपूर्ण पॉइंट जरूर हैं। कोई भी ट्रेड लेने से पहले इस बात का ध्यान रखे की आप कितना निवेश करने जा रहे है, और उसमे आपका रिस्क कितना है। लेकिन उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण आपका माइंडसेट है। क्योंकि अगर आप एक सक्सेसफुल ट्रेडर का माइंडसेट नहीं रखते। उसे बना नहीं पाए तो फिर आप ट्रेडिंग नहीं कर पाएंगे।
-सेल्फ इवेलुएशन
सेल्फ इवेलुएशन के लिए Develop Your Trading Mind के अंतर्गत एक तरीका बताया गया है। ट्रेडिंग थ्रू माइंड फुलनेस। माइंडफुल का मतलब होता है बीइंग प्रेजेंट इन मूवमेंट। यानी कि जो आप कर रहे हैं आप उसी मूवमेंट में प्रेजेंट रहे। आपका दिमाग ये नहीं सोचना चाहिए कि यार वो एक अच्छी सी सीरीज थी, वो मुझे देखनी है। या फिर मुझे गाने सुनने हैं। या मुझे दूसरा कोई काम करना है। ऐसा कुछ भी नहीं करना है।
जब आप ट्रेडिंग कर रहे हैं तो आपका पूरा-पूरा ध्यान ट्रेडिंग सिस्टम पर होना चाहिए। उस पर्टिकुलर मूवमेंट पर होना चाहिए। बेसिकली जो माइंडफुल का कांसेप्ट है, वो मेडिटेशन से जोड़ा जाता है। इसका मतलब ये होता है कि अपने मना को शांत रखना, जो भी उसमें उतार-चढ़ाव आते हैं। उसमे आपको शांत रहना है।
-डेवलपिंग अ वर्किंग बिजनेस प्लान
ट्रेडिंग को एक बड़े एडवेंचर की तरह समझिए। जो आपका बिजनेस प्लान है, वही आपका गाइड बुक होगी। आपको क्या नहीं करना है, क्या करना है, कैसे आपको अपने फीलिंग्स को बैलेंस रखना है, कैसे गोल को अचीव करना है और कितना रिस्क लेना है। यह सब आपके ट्रेडिंग प्लान का हिस्सा होना चाहिए। क्योंकि जब आपके पास एक गाइड बुक होगी, एक बिजनेस प्लान होगा, तब आपके जो चॉइसेज होते हैं, वो अपनेआप ही स्मार्ट होते हैं।
-टैक्टिकल ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी
एक ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी डेवलप करने से पहले आपको कुछ चीजें ध्यान रखने चाहिए। कुछ चीजें को बारे में आपके मन में सवाल होने चाहिए। कि क्या इस स्ट्रेटेजी में ये चीज है कि नहीं है, सबसे पहली चीज है
-नॉन कोरिलेटेड स्ट्रेटेजी
ट्रेडर के पास कम से कम तीन ऐसी स्ट्रेटेजी हो, जो कि एक दूसरे जैसी ना हो। जिससे ये होता है कि जब मार्केट एक पर्टिकुलर टाइप में बिहेव नहीं करती। तो अगर एक स्ट्रेटेजी फेल हो रही है, तो दूसरी काम करेगी। यानि हर मार्किट कंडीशन के लिए उसे तैयार रहना होगा।
मान लेते हैं आपकी कोई स्ट्रेटजी है, वो हाई रिस्क की स्ट्रैटेजी है, हाई वोलेटाइल मार्केट में काम करती है। लेकिन जब मार्केट कम वोलेटाइल होगी, या साइड वेज होगी। तब वो काम नहीं करेगी। इसलिए ऐसे मार्किट के लिए भी आपके पास अलग स्ट्रैटेजी होनी चाहिए।
सेटअप आइडेंटिफिकेशन – ट्रेडर को ट्रेड करने से पहले अपने सेटअप के अनुसार आपको यह अच्छे से पता होना चाहिए की कब आप एंटर करेंगे, कब आप नहीं करेंगे। आप जो भी पैटर्न या सेटअप पर ट्रेड करते हो, आपको अपनी ट्रेड एंट्री, रिस्क, साइज का अच्छे से पता होना जरुरी है।
एंट्री टाइमिंग सिग्नल – आपको इस बात पर जरूर ध्यान रखना है कि जो ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी आप अपना रहे है क्या वो आपको सही टाइम पे एंट्री दे रही है। या गलत जगह एंट्री होने से आपको नुकसान हो रहा है।
तो आशा करता हु Develop Your Trading Mind इस लेख में आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें सिखने को मिली होंगी। अगर आपके कोई भी सवाल है, या आप कुछ जानना चाहते है तो आप मुझे ईमेल कर सकते है। Email : fiinpodcast@gmail.com
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