Large Cap, Mid Cap & Small Cap Funds : आपने अपनी जिंदगी में कभी ने कभी तो यह सोचा होगा की सेविंग खाते में जमा पैसो पर कोई बैंक अच्छे रिटर्न्स (ब्याज़) क्यों नहीं देती। फिर कोई हमें कहता की सेविंग खाते से अच्छा है की फिक्स डिपाजिट कर दो, सालाना 6% तक इंटरेस्ट (ब्याज़) मिलता है। इसलिए हम अपने पास की कुछ रकम फ़िक्स डिपाजिट कर बैंक में जमा कर देते है।
फिर कोई कहता है की फिक्स डिपाजिट से अच्छा म्यूच्यूअल फंड है, जहा सालाना कम से कम 10% से 12% और ज्यादा से ज्यादा 25% से 30% प्रतिशत का इंटरेस्ट मिलता ही मिलता है। और फिर हम म्यूच्यूअल फंड की ओर अपना रुख करते है। फिर उसी बिच कोई हमें शेयर बाजार का मुफ्त का ज्ञान भी देकर जाता है, की म्यूच्यूअल फंड्स से ज्यादा तो शेयर बाजार में मिलता है, जहा अगर हम लंबे अवधि के लिए निवेश करते है तो कितना प्रतिशत रिटर्न मिलेगा इसकी कोई सिमा नहीं होती। 50%, 100%, 200%, 500% या इससे भी कई ज्यादा।
तो जब हम निवेश के संबंध में चीजों को तलाशना शुरू करते है, तब हमे अक्सर लोगो से निवेश संबंधी कुछ शब्द सुनाई देते है, स्टॉक्स, बांड्स, म्यूच्यूअल फंड्स, पीपीएफ (PPF), एनपीएस (NPS), एनएससी (NSC) और इसके साथ हमें एक और टर्म सुनाई देती है, स्माल कैप, मिड कैप और लार्ज कैप । आज हम इस लेख में इन्ही को समझने वाले है की यह स्माल कैप, मिड कैप और लार्ज कैप होता क्या है?
इन तीनों भाइयो के बारे में समझने से पहले हमें यह समझना होगा की मार्केट कैपिटल आखिर होता क्या है? ताकि हम स्माल कैप, मिड कैप और लार्ज कैप को ठीक से समझ सकेंगे।
मार्केट कैपिटलाइजेशन (Market Capitalization)
लार्ज कैप, मिड कैप और स्माल कैप, यानि के आसान भाषा में कहे तो बड़ा भाई, मझला भाई और छोटा भाई। इसे थोड़ा विस्तार से समझते है।
आसान भाषा में हम मार्केट कैपिटलाइजेशन को समझे को कोशिश करते है, मान लीजिये की आपकी एक ABC नाम की एक कंपनी है, जिसके 100000 (एक लाख) शेयर्स बाज़ार में निवेशकों ने खरीद रखे है। जिन्हे Outstanding Share भी कहा जाता है। और अभी बाज़ार में एक शेयर की कीमत ₹20 रूपये चल रही है। यानि (शेयर्स) 1,00,000 X ₹20 (शेयर की कीमत) = ₹20,00,000 मार्केट कैपिटलाइजेशन।
यानि की आपकी ABC कंपनी का मार्केट कैपिटल अभी के लिए ₹20,00,000 (बिस लाख) रूपये है। Outstanding Share यानि वह शेयर संख्या होती है जो अभी खुले बाज़ार में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होते है, इनमे कंपनी के पास होल्ड किये शेयरों की संख्या को ध्यान में नहीं लिया जाता।
अब आप समझ गए होंगे की कैसे किसी कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन हम निकाल सकते है। तो अब इसके जरिये हम अब समझेंगे की स्माल कैप, मिड कैप और लार्ज कैप क्या होता है, इनमे किस तरह की कंपनियों का समावेश होता है? और इनके क्या नियम होते है?
एल्गो ट्रेडिंग एक शक्तिशाली स्वचालित क्रिया है, जिसका उपयोग से ट्रेडिंग को एक्यूरेट और बेहतर बनाने के लिए किया जाता है.
लार्ज कैप : (Large Cap Market Capitalizations)
- लार्ज कैप इन तीनो भाइयों में सबसे बड़ा भाई है, जिसे बाज़ार में काफी इज्जत दी जाती है। यानि यह वह स्टॉक्स होते है, जिन्हे बाज़ार में First Class स्टॉक्स भी कहा जाता है। लार्ज-कैप स्टॉक यह बड़ी कंपनियां होती है, और उसीके साथ-साथ यह स्थिर और स्थापित कंपनियां होती है।
- इन बड़ी कंपनियों का मार्किट कैपिटलाइजेशन बाजार की दूसरी कंपनियों के मुकाबले बहुत ज्यादा होता है। इनका मार्किट कैपिटलाइजेशन ₹20,000 करोड़ से ज्यादा होता है।
- भारत में, Large Market Capitalizations वाली कंपनियों को अक्सर निफ्टी 50 या सेंसेक्स जैसे प्रमुख शेयर बाजार सूचकांकों में शामिल किया जाता है। यहाँ निचे मैं कुछ उदाहरण जोड़ रहा हु जिनके कंपनियों के नाम आपने जरूर सुने होंगे।
- यह भारतीय बाज़ार में अभी की Large Market Capitalizations रखने वाली बड़ी कंपनियां है। यह आकार में बहुत बड़ी कंपनियां होती है और इसी लिए मैंने इन्हे बड़ा भाई कहा है। इनमें 100 बड़ी कम्पनिया शामिल होती है, इन्हे 01 से लेकर 100 तक रैंकिंग दी जाती है।
- रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड : (पेट्रोकेमिकल्स,रिफाइनिंग, टेलीकम्यूनिकेशन)
- टाटा कंसलटंकी सर्विसेज: (सूचना प्रौद्योगिकी (IT) सेवाएं)
- एचडीएफसी बैंक लिमिटेड : (बैंकिंग और वित्त सेवाएं)
- इनफ़ोसिस लिमिटेड : (सूचना प्रौद्योगिकी (IT) सेवाएं)
- आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड: (बैंकिंग और वित्त सेवाएं)
मिड कैप : (Mid Cap Market Capitalizations)
- मीड कैप, तीनो भाइयों में मझला भाई है, यानि मिड कैप कंपनिया वह कम्पनिया होती है, इनमे ₹5,000 करोड़ से लेकर ₹20,000 करोड़ तक का मार्किट कैपिटलाइजेशन रखने वाली कंपनियों को शामिल किया जाता है। और इन कंपनियों को भारतीय बाजार में रैंकिंग दी जाती है, जो की 101 से लेकर 200 तक होती है।
- बाजार में मीड कैप कंपनियों में निवेश करना लार्ज कैपिटल रखने वाली कंपनियों के मुकाबले थोड़ा जोखिम भरा माना जाता है। लेकिन हमें इस बात को भी ध्यान में रखना होगा की मीड कैपिटलाइजेशन रखने वाली कंपनियां लार्ज-कैप शामिल होने की संभावना भी ज्यादा होती है। यानि यह भविष्य की लार्ज कैप कंपनियां होती है।
- बजाज फाइनेंस लिमिटेड : (वित्तीय सेवाएं)
- एचडीएफसी लाइफ इन्शुरन्स कंपनी लिमिटेड : (इन्शुरन्स कंपनी)
- डीवीज लैब्रोटरी लिमिटेड: (फार्मासूटिकल कंपनी)
- बर्जर पेंट इंडिया लिमिटेड: (पेंट इंडस्ट्री)
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स्मॉल कैप : (Small Cap Market Capitalizations)
- तीनो भाइयों में से सबसे छोटा भाई, यह कंपनिया वो कंपनियां होती है, जिनका कैपिटल ₹5,000 करोड़ से कम होता है। इन कंपनियों को भारतीय बाजार में रैंकिंग 251 के बाद आती है। बाजार में लार्ज कैप और मीड कैप कंपनियों में मुकाबले मिड कैप कंपनियों निवेश करना बोहोत ही ज्यादा जोखिम भरा होता है, लेकिन इन्ही कंपनिया को हाय रिटर्न देने वाली कंपनिया माना जाता है।
- पीवीआर आयनॉक्स : (मूवी थियटर क्षेत्र)
- इंडिया सीमेंट : (सीमेंट कंपनी)
- सीडीएसएल : (शेयर डिपाजिटरी फर्म)
अंतिम निष्कर्ष
- लार्ज कैप और मीड कैप कंपनियों में मुकाबले इनमे वृद्धि की संभावना भी ज्यादा होती है, लेकिन इनमे लिक्विडिटी कम होने के कारन इन्हे आसानी से मैनुपुलेट भी किया जा सकता है। इसलिए ज्यादातर लोग आपको ऐसे स्टॉक्स से दूर रहने की सलाह देते है।
- वैसे इनमे निवेश करना हमेशा ही जोखिम भरा नहीं होता, लेकिन इसके लिए आपको ऐसी कंपनियों के बारे में, उनके भविष्य के बारे में, और उनकी ग्रोथ के बारे में अच्छे से पता होना चाहिए। कंपनी के फंडामेंटल्स अगर अच्छे है, और भविष्य में कंपनी की बढ़ने की संभावना बन रही है तो ऐसे स्टॉक में निवेश करना भी एक अच्छा कदम हो सकता है।
- इस जानकारी की जरिए आप शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अच्छी कंपनियों का चयन कर, अपनी जोखिम और निवेश का अवधि निश्चित कर स्टॉक में निवेश का सही से निर्णय ले सकते है।
अंग्रजी में रेफेरेंस के लिए आप इस साइट को भेट दे सकते है : Investopedia
और इसे और भी आसान भाषा में कहे तो यह कहा जा सकता है।
- स्मॉल कैप: ऊँची उड़ान, बड़ा मुनाफा!
- मिड कैप: संतुलित जोखिम, निश्चित लाभ!
- लार्ज कैप: सुरक्षित निवेश, निश्चित भविष्य!
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