The question covered in this post
Contents
- What is the difference between Trading Account and Demat Account?
- Do I need both a Demat Account and Trading account?
- Which account is best for trading?
प्रचलित शब्द प्रयोग
शेयर बाजार में जहा खाते में शेयर्स की लेनदेन होती है, ख़रीदा और बेचा जाता है। उसे ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) कहते है। और डीमैट अकाउंट (Demat Account) भी ट्रेडिंग अकाउंट से ही जुड़ा होता है। सामान्यतः इन्ही दो शब्दों का प्रयोग हमें ज्यादा सुनने को मिलता है। इसलिए हम पोस्ट में ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट इन्ही दो शब्दों का उपयोग करेंगे।
व्याख्या
- डीमैट अकाउंट – डीमैट यह Dematerialize इस शब्द का संक्षिप्त शब्द है। इसका अर्थ है की ऐसी चीज या वस्तु जो की भौतिक स्वरुप (Physical Form) में या आकर में नहीं है। पुरे जगत में संगणकी तकनीक आने से पहले हमें बोहोत से जरुरी दस्तऐवज को कागजी स्वरुप में अपने पास संभालकर रखना पड़ता था। लेकिन अब संगणकीकरण के बाद हम डिजिटल फॉर्म में भी चीजों को संभालकर रख सकते है। डीमैट खाता भी हमें यही सुविधा प्रदान करता है। अपने पैसे को सुरक्षित रखने हेतु बैंक में हमारे खाते में जमा करते है। बैंक में हमारे नाम का खाता होता है। लेकिन यहाँ बैंक खाते में सिर्फ पैसो की लेनदेन होती है। ठीक उसी तरह डीमैट खाता होता है। तो आगे विस्तार से समझते है की डीमैट खाता आखिर किस काम आता है।
- ट्रेडिंग अकाउंट – ट्रेड इस शब्द का अर्थ ही व्यापार है। यानि ट्रेडिंग अकाउंट का मतलब है व्यापारी खाता। एक ऐसा खाता जहा व्यापार होता है, लेन-देन होती है, जहा वित्तीय साधनो को ख़रीदा और बेचा जा सकता है।
स्टॉक मार्केट के लिए हमें ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट दोनों की जरुरत होती है। लेकिन इन दोनों के भी कार्य पूरी तरह से अलग होते है। चलिए उन कार्यो को समझते है।
डीमैट अकाउंट (Demat Account) का कार्य
जैसा की हम जानते है की हम शेयर मार्केट में कम्पनी के शेयर को खरीदते और बेचते है। तो जब हम किसी कंपनी के शेयर खरीदते है। तो उन्हें सुरक्षित रखने के लिए हमे एक खाते की जरुरत होती है। ठीक उसी तरह जैसे हम बैंक खाते में अपने पैसों को सुरक्षित रखते है। तो हमारे ख़रीदे हुए शेयर Dematerialized Account याने डीमैट खाता में सुरक्षित संग्रहित किये जाते है, जब तक की हम खुद उन्हें बेच न दे।
डीमैट खाता हमें शेयर बाजार में खरीदे गए शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे वित्तीय साधनो को सुरक्षित और संग्रहित करने की सुविधा देता है।
पुराने ज़माने में जब कोई व्यक्ति शेयर खरीदता था, तो उसे उस कम्पनी की ओर से एक हिस्सेदारी का प्रमाणपत्र (Share Certificate) दिया जाता था। जो की कागजी रूप में संग्रहित करना पड़ता था।
एक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हैं। मान लीजिए आप ABC कंपनी के शेयर खरदीते है, तब आपको कंपनी की ओर से हिस्सेदारी का प्रमाणपत्र जारी किया जाता था। जो की कागजी रूप में होता था। और जितनी बार शेयर खरीदा या बेचा जाता था तो उतनी बार कागजी रूप प्रमाणपत्र बनाने पड़ते थे। इस कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया में बहुत ज्यादा समय लगता था। और इसमें धोखाधड़ी होने की संभावना भी उतनीही ज्यादा होती थी। इसी प्रकिया को सरल और सुरक्षित बनाने के हेतु एनएसई (NSE) पर व्यापार के लिए 1996 में डीमैट अकाउंट प्रणाली की शुरुआत की गई थी।
आज के समय में कोई व्यक्ति अगर कोई शेयर खरीदता या बेचता है। तो उस शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में आपके डीमैट अकाउंट में जतन किया जाता है। और यदि आप शेयर बाजार (एनएसई और बीएसई) या किसी अन्य सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो उसके लिए डीमैट अकाउंट के अनिवार्य है।
ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) का कार्य
आपको यह पता चल गया होगा की डीमैट खाता (Demat Account) एक ऐसा खाता है, एक ऐसी जगह जहा हमारे ख़रीदे हुए शेयर को सिर्फ सुरक्षित रखा जाता है। लेकिन वित्तीय साधनो को खरीदने तथा बेचने के लिए हमे ट्रेडिंग खाते की जरुरत होती है। ट्रेडिंग खाता मतलब एक ऐसा खाता है, एक ऐसा स्थान जहा हम शेयर, ईटीएफ़ या अन्य दूसरे वित्तीय साधनों को ख़रीदा और बेचा जाता है। और जब हम शेयर, ईटीएफ़ और दूसरे वित्तीय साधनों को खरीदते है, तो उन्हें रखने के लिए डीमैट खाते की जरूरत होती है।
इसे और सरलता से क्रम से समझे तो शेयर बाजार में कारोबार करने के लिए सबसे पहले हमारे नाम किसी भी बैंक में का बैंक खाता होना जरुरी होता है। उसके बाद ही हम अपना ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट खोल सकते है। हमारा बैंक खाता हमारे ट्रेडिंग खाते से जुड़ा हुआ होता है। जिससे की हम अपने बैंक खाते से अपने पैसो को ट्रेडिंग खाते में (Transfer) जमा कर सके। ट्रेडिंग खाते में जमा पैसो से हम शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध शेयर, ईटीएफ़ और दूसरे वित्तीय साधनों को खरीदते और बेचते है। हम जब चाहे तब अपने बैंक खाते से पैसों को ट्रेडिंग खाते में जमा रख सकते है, और जब चाहे निकाल सकते है। ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) में पैसा जमा रखा जा सकता है, जबकि डीमैट अकाउंट में हम पैसे जमा नहीं कर सकते। इसिलए हमे ट्रेडिंग खाते की जरुरत होती है।
ट्रेडिंग खाता / डीमैट खाता खोलने के लिए अच्छा ब्रोकर कौनसा है?
अभी के समय में सभी स्टॉक ब्रोकर ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट एक साथ ही खोलकर देते है।
अब ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए हमें एक अच्छे स्टॉक ब्रोकर को ढूंढ़ना पड़ता है। आज के समय में बोहोत से जानेमाने स्टॉक ब्रोकर है, जिनके बारे में हम किसी न किसी माध्यम से जानते है। जैसे की 5Paisa, Angel One, Fyers, Groww, Motilal Oswal, Upstox, ShareKhan, Zerodha इत्यादि। कई सारे ऐसे बैंक भी है, जो हमे बैंक खाते के साथ साथ ट्रेडिंग और डीमैट खाता भी खोलकर देते है। अब यह आपके ऊपर निर्भर करता है की आप किस संस्था के साथ अपना ट्रेडिंग और डीमैट खाता खोलना चाहते है।
ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में अंतर
- ट्रेडिंग अकाउंट का उपयोग शेयर, ईटीएफ़ या अन्य दूसरे वित्तीय साधनों को खरीदने और बेचने के लिए होता है।
- शेयर, ईटीएफ़ और दूसरे वित्तीय साधनों को खरीदने के बाद उन्हें सुरक्षित और संगृहीत रखने के लिए डीमैट खाते की जरूरत होती है।
- ट्रेडिंग अकाउंट असल में एक प्लेटफार्म होता है, जहा हम शेयर बाजार में निवेश कर सकते है, या अपने निवेश को निकाल सकते है।
- जब की डीमैट अकाउंट सिर्फ एक खाता है। जिसका मूल उपयोग सिर्फ संग्रह करना है।
उदाहरण
- अब मान लीजिये की ABC नाम का एक व्यक्ति है जो की स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहता है। तो ऐसे में ABC सबसे पहले हमें एक अच्छे स्टॉक ब्रोकर के पास जाकर अपना ट्रेडिंग खाता खोलता है।
- ट्रेडिंग खाता खोलने के बाद ABC व्यक्ति अपने ट्रेडिंग खाते में XYZ कंपनी के 100 शेयर खरीदता है।
- अब ट्रेडिंग खाते में ख़रीदे गए शेयर ब्रोकर अपनेपास नहीं रखता, यह डीमैट खाते में वर्ग किए जाते है। डीमैट खाते में शेयर्स एक डिजिटल फॉर्म में जमा होते है।
- फिर जब आगे कभी ABC व्यक्ति उन शेयरों को बेचता है, तब वह शेयर्स फिर से डीमैट खाते से निकाले जाते है और दूसरे व्यक्ति, संस्था के डीमैट खाते में वर्ग किए जाते है। यानि के शेयर्स का बिना कागजी प्रमाणपत्र के सिर्फ डिजिटल फॉर्म में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरित किया जाता है।
- संक्षेप में ट्रेडिंग हमें शेयर खरीदने तथा बेचने की सुविधा देता है तो डीमैट उन्हें जतन करता है। लेकिन देखा जाए तो स्टॉक मार्किट में दोनों भी खातों की आवश्यकता होती है।