कैंडलस्टिक का स्वभाव: समझें बाजार की चाल! क्या हम कैंडलस्टिक का स्वभाव जानते है?

मुझे व्यक्तिगत रूप से हमेशा ही लगता है कि हर कैंडलस्टिक का अपना-अपना एक स्वभाव होता है। लकिन क्या आप इसके स्वभाव को जानते है?

Candlestick Pattern in Hindi

Candlestick Pattern in Hindi: मुझे व्यक्तिगत रूप से हमेशा ही लगता है कि हर कैंडलस्टिक का अपना-अपना एक स्वभाव होता है। लकिन आपको इस बात को ठीक से समझना होगा। इसलिए आगे का पूरा लेख ध्यान से पढ़े, क्योंकि मैं यहां कुछ बहुत तो महत्वपूर्ण बातों को बताने जा रहा हूं।

कैंडलस्टिक की रचना

कैंडलस्टिक चार्ट शेयर बाजार का विश्लेषण करने का एक लोकप्रिय तरीका है। इन चार्टों में, प्रत्येक कैंडलस्टिक एक निश्चित समय अवधि (जैसे, 1 मिनट, 5 मिनट, 1 दिन) में शेयर की कीमतों में बदलाव को दर्शाता है। कैंडलस्टिक स्वभाव को समझने से पहले हम एक बार कैंडलस्टिक रचना को देख लेते है।

Candlestick Pattern in Hindi
  • हर व्यक्ति ने अपनी जिंदगी में मोमबत्ती (कैंडलस्टिक) को देखा ही होगा। मोमबत्ती का एक शरीर होता है, जो की मोम का बना होता है और ऊपर की ओर एक धागा (बाती) होती है। अगर हम किसी भी स्टॉक के चार्ट को खोलकर देखे, तो वहा भी हमें हरे और लाल (सफ़ेद और काले) रंग की मोमबत्तिया दिखाई पड़ती है।

यह तरह-तरह के आकार की होती है, छोटी, बड़ी, लंबी बाती वाली, छोटी बाती वाली इनमे तो दोनों तरफ धागा (बाती) यानि पूंछ होती है। लेकिन अगर हम ध्यान से इन्हे समझे तो चार्ट पर बननेवाली यह मोमबत्तिया हमें बाजार की स्थिति दर्शाती है।

अगर हम कैंडलस्टिक की रचना, उसके निर्माण और उसके स्थान का ठीक से अभ्यास करे तो कैंडलस्टिक की सहायता से हमें एक भरोसेमंद और सफल ट्रेड को प्लान कर सकते है।

किसी भी कैंडलस्टिक (मोमबत्ती) में मुख्यतः तीन भाग होते है।

  1. रियल बॉडी (Real Body) = कैंडल का शरीर
  2. अप्पर शैडो (अपर वीक) (Upper Shadow – Wick) – ऊपरी छाया / पूंछ
  3. लोवर शैडो (लोवर वीक) (Lower Shadow – Wick) – निचली छाया / पूछ

चार्ट पर बन रही कोई भी कैंडलस्टिक इन तीन भागो से ही बनती है। लेकिन कैंडलस्टिक के मुख्य दो प्रकार है।

कैंडलस्टिक का स्वभाव समझना…
यह बाजार की गतिशीलता को समझने की कुंजी है।

कैंडलस्टिक के मुख्य दो प्रकार

बुलिश कैंडलस्टिक 

बुलिश कैंडल में कीमत निचे की तरफ खुलती है। और ऊपर जाकर बंद होती है। यह आपको चार्ट पर हरे अथवा सफ़ेद रंग की दिखाई दे सकती है। यह बाजार में खरीदारी यानि तेजी का संकेत देती है।

बेयरिश कैंडलस्टिक

बेयरिश कैंडल में कीमत ऊपर की तरफ खुलती है, और निचे जाकर बंद होती है। यह आपको चार्ट पर लाल अथवा काले रंग में दिखाई दे सकती है। यह बाज़ार में बिकवाली यानि गिरावट का संकेत देती है।

  • Open -कैंडल शरीर / बॉडी जहा से बनना शुरू होती है।
  • Close – कैंडल शरीर / बॉडी जहा बंद होती है।
  • Upper Wick / Shadow – कैंडल का यह पूंछ / वीक / शैडो यह दर्शाता है की कीमत उतनी ऊंचाई तक गई थी, लेकिन बिकवाली आने के कारन कीमत निचे चली गई।
  • Lower Wick / Shadow – कैंडल का यह पूंछ / वीक / शैडो यह दर्शाता है की कीमत उतनी निचे तक गई थी, लेकिन खरीदारी आने के कारन कीमत फिर से ऊपर चली गई।

कैंडलस्टिक में पूछ (Wick/Shadow) का अर्थ 

बाजार संख्याओं का खेल है। एक ट्रेडर को हर पल आंकड़ों पर नजर रखनी पड़ती है। लेकिन उन सभी संख्याओं को पढ़कर, आंकड़ों को मिलाकर, उन पर गणित की प्रक्रिया कर, उसका विश्लेषण कर, हर कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाता।

पुराने जमाने में यह गणिति प्रक्रिया कुछ लोग कर भी लेते थे। लेकिन आज के जमाने में ऐसा करना संभव नहीं है। और इसी लिए कैंडलस्टिक को बाजार में पेश किया गया।

कैंडलस्टिक की रचना और स्वभाव को समझने से हमें बाजार की स्थिति को समझना आसान हो जाता है।

तकनीकी विश्लेषण में कैंडलेस्टिक का बहुत महत्व है। कैंडलेस्टिक को देखकर हम यह बता सकते हैं, या अनुमान लगा सकते हैं कि बाजार का रुख किस तरफ है। इससे हम बाजार में निवेशकों की मानसिकता को समझ सकते हैं।

मनोविज्ञान भी यह कहता है कि मानवी व्यवहार हमेशा ही दोहराया जाता है।

तो बाजार में जो भी पैटर्न बना रहे हैं, जो भी कैंडलेस्टिक बन रहे हैं, वह असल में उन व्यक्तियों के समूह की मानसिकता और उनके व्यवहार को दर्शाता है।

इसलिए एक कुशल ट्रेडर बनने के लिए हमें कैंडलेस्टिक की रचना और उनके स्वभाव का ज्ञान होना आवश्यक हो जाता है।

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कैंडलस्टिक की रचना

हर कैंडलस्टिक के निर्माण में कुछ बातें घटती हैं:

  • कैंडलस्टिक किसी कीमत पर खुलता है और फिर यह उस कीमत के ऊपर या फिर नीचे जाकर बंद होता है।
  • जब कैंडल्सस्टिक अपनी खुली कीमत के ऊपर बंद होता है, तो हम यह मानते हैं कि उसमें खरीदारी हुई है। यह कैंडलस्टिक हमे हरे रंग की दिखाई देती है।
  • जब कैंडलस्टिक अपनी खुली कीमत के नीचले स्तर पर बंद होती है, तो हम मानते हैं कि उसमें बिकवाली हुई है। यह कैंडलस्टिक हमे लाल रंग की दिखाई देती है।

कैंडलस्टिक में बाती (Wick) होती है:

  • यह कैंडल के ऊपर या नीचे, या फिर दोनों तरफ होती है।
  • यह जितनी लंबी होती है और जिस दिशा में बनती है, उसके आधार पर यह रेखा, बाती हमें दर्शाती है कि उस समय में कौन ज्यादा हावी रहा है। या उस पुरे सत्र में किनका बाजार पर नियंत्रण रहा है।
  • यह रेखा बल को दर्शाती है।

उदाहरण:

नीचे दिए गए कैंडलस्टिक को देखें:

nature of candlestick

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दो तरह के कैंडलस्टिक

यहाँ हम दो तरह के कैंडलस्टिक देख रहे हैं:

पहला कैंडलस्टिक:

  • नीचे की तरफ बॉडी (Body)
  • ऊपर की तरफ लम्बी पूछ (Wick)

दूसरा कैंडलस्टिक:

  • ऊपर की तरफ बॉडी (Body)
  • नीचे की तरफ लम्बी पूछ (Wick)

इन दोनों कैंडलस्टिक में बनी पूछ, खरीदार और बिकवाल के बल (Power) को दर्शाती है।

पहला कैंडलस्टिक:

  • हरे और लाल रंग (Green and Red Color)
  • ऊपर की लम्बी पूछ (Long Upper Wick)
  • सत्र के अंत तक बिकवालो ने स्थिति को अपने नियंत्रण में लिया

दूसरा कैंडलस्टिक:

  • हरे और लाल रंग (Green and Red Color)
  • निचे की लम्बी पूछ (Long Lower Wick)
  • सत्र के अंत तक खरीदारों ने स्थिति को अपने नियंत्रण में लिया

इन कैंडलस्टिक में रंग महत्वपूर्ण नहीं माना जाता।

  • पूछ शरीर से ज्यादा लम्बी होती है
  • यह विरोधियो की मानसिकता को दर्शाती है
  • यह दबाव को दर्शाता है

बड़े कैंडलस्टिक में शरीर का अर्थ

candlestick formation
  • रंग: बड़े कैंडलस्टिक में, रंग पूछ से अधिक महत्वपूर्ण होता है।
  • यदि कैंडलस्टिक का रंग हरा है, तो इसका मतलब है कि उस अवधि में शेयर की कीमत में तेजी आई है।
  • यदि कैंडलस्टिक का रंग लाल है, तो इसका मतलब है कि उस अवधि में शेयर की कीमत में गिरावट आई है।

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निष्कर्ष:

कैंडलस्टिक का विश्लेषण करके, हम यह समझ सकते हैं कि बाजार में कौन सा समूह (खरीदार या बिकवाल) अधिक प्रभावशाली है।

यह जानकारी हमें बेहतर ट्रेडिंग निर्णय लेने में मदद कर सकती है.

कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:

  • बड़े कैंडलस्टिक में, पूछ की तुलना में शरीर अधिक महत्वपूर्ण होता है।
  • कैंडलस्टिक का रंग हमें बताता है कि उस अवधि में शेयर की कीमत में तेजी आई है या गिरावट।
  • कैंडलस्टिक का विश्लेषण करके, हम यह समझ सकते हैं कि बाजार में कौन सा समूह (खरीदार या बिकवाल) अधिक प्रभावशाली है।

कैंडलस्टिक! ये छोटी-छोटी मोमबत्तियां तुम्हें बताती हैं कि बाजार में क्या हो रहा है.

सबसे महत्वपूर्ण कैंडलस्टिक का स्वभाव

कैंडलस्टिक का स्वभाव

हम जानते हैं कि कैंडलस्टिक बॉडी, पूँछ और छाया से बनती है। इनसे हम खरीदारी और बिकवाली का अंदाजा लगाते हैं। लेकिन क्या हमने कभी कैंडलस्टिक का स्वभाव समझने की कोशिश की है?

समय अवधि का प्रभाव

जैसे इंसानों में चंचल, स्थिर और उलझे हुए स्वभाव होते हैं, वैसे ही कैंडलस्टिक का भी स्वभाव होता है। यह स्वभाव उस समय अवधि पर निर्भर करता है जिसमें कैंडलस्टिक बनती है।

डे ट्रेडिंग

डे ट्रेडर 3 मिनट, 5 मिनट, या 15 मिनट की कैंडलस्टिक देखते हैं। इन कैंडलस्टिक का स्वभाव चंचल और अस्थिर होता है। इसलिए डे ट्रेडर को तेजी से निर्णय लेने होते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग और पोजीशनल ट्रेडिंग

स्विंग ट्रेडर और पोजीशनल ट्रेडर घंटों, दिनों और महीनों की कैंडलस्टिक देखते हैं। इन कैंडलस्टिक का स्वभाव स्थिर होता है।

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चंचल कैंडलस्टिक

जैसे-जैसे समय अवधि कम होती है, कैंडलस्टिक का स्वभाव चंचल होता जाता है। चंचल बाजार में ट्रेडिंग करते समय तेजी से निर्णय लेना महत्वपूर्ण होता है।

स्थिर कैंडलस्टिक

जैसे-जैसे समय अवधि बढ़ती है, कैंडलस्टिक का स्वभाव स्थिर होता जाता है। स्थिर बाजार में ट्रेडिंग करते समय धैर्य रखना महत्वपूर्ण होता है।

कैंडलस्टिक की रचना

कैंडलस्टिक की रचना उसके स्वभाव को दर्शाती है। लेकिन कैंडलस्टिक का स्वभाव उस स्तर से भी प्रभावित होता है जिस पर वह बनती है।

सफल ट्रेडिंग

कैंडलस्टिक की रचना, स्वभाव और स्तर को समझने से हमें बाजार पर नियंत्रण रखने वाली शक्तियों का अंदाजा लगाने में मदद मिलती है। यह जानकारी हमें सफल ट्रेडिंग रणनीतियाँ विकसित करने में मदद कर सकती है।

अब इसे ठीक से समझने की कोशिश करे कि हम कैंडलस्टिक के जितने कम समय अवधि को चुनते हैं, कैंडल स्टिक का स्वभाव उतना ही चंचल होता है, या अस्थिर होता है। वही जब हम समय अवधि को बढ़ाते हैं, तो कैंडलस्टिक का स्वभाव उतना ही स्थिर होता जाता है।

यानी अगर हम डे ट्रेडर है और हम 3 या 5 मिनट के मिनट के कैंडल को देखते हैं, तो हमें इस बात का ध्यान रखना होता है कि हम एक अस्थिर और चंचल मार्केट में ट्रेड कर रहे हैं और उसी तरह हमें चंचलता से यानी तेजी से निर्णय लेना होता है। और जब कोई ऐसे चंचलता की स्थिति में स्थिर होकर, स्थिर मानसिकता से निर्णय लेने में सक्षम होता है, तो वह निर्णय सही होने की संभावना अधिक होती है।

कैंडलस्टिक की रचना उसके स्वभाव को दर्शाती जरूर है लेकिन हम और अपने कई बार देखा होगा की किसी कैंडलस्टिक को देखकर हम ट्रेड ले लेते है, फिर भी हमारा ट्रेड हमारे पक्ष में नहीं जाता।

यह इसलिए भी होता है की हमें कैंडलस्टिक की रचना को तो जानते है, लेकिन वह कैंडलस्टिक जिस स्तर पर बन रही है, उसका उसके स्वभाव पर असर पड़ता है। इसलिए हमें कैंडलस्टिक की रचना, उसका स्वभाव और स्तर का अच्छे से पता होना जरूरी होता है। इससे हमें यह समझने में समझने में आसानी होती है कि बाजार पर किनका नियंत्रण है। और बाजार में अगली स्थिति क्या हो सकती है।

कैंडलस्टिक का अभ्यास कर हम अपनी रणनीतियां विकसित कर सकते है, उनके संकेत समझकर हम एक सफल ट्रेंडर बन सकते हैं।

तो मैंने मेरे इस वेबसाइट पर हर तरह के कैंडलेस्टिक की रचना के बारे में पोस्ट लिखे हैं। आप उन्हें पढ़िए और कैंडलेस्टिक के स्वभाव को समझने की कोशिश कीजिये।

Trading Chart Patterns: Most effective chart patterns & entry techniques.: How to Make Money Using Trading Chart Breakouts

अस्वीकरण: यहां प्रकाशित किसी भी वित्तीय जानकारी को प्रतिभूतियों को खरीदने या बेचने की पेशकश या किसी भी तरह से सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। यहां प्रकाशित सभी जानकारी केवल शैक्षिक और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है, यहां प्रकाशित जानकारी के आधार पर कोई भी वास्तविक निवेश निर्णय लेने से पहले पाठकों को एक योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना चाहिए। कोई भी पाठक जो यहां प्रकाशित जानकारी के आधार पर निर्णय लेता है वह ऐसा पूरी तरह से अपने जोखिम पर करता है। इक्विटी बाज़ार में कोई भी निवेश अप्रत्याशित बाज़ार-संबंधित जोखिमों के अधीन है। लेखक का इस पेशकश में निवेश करने का इरादा नहीं है।

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आशा करता हु की आपको इस लेख से महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी, फिर भी अगर आपका कोई सवाल हो तो आप मुझे मेल कर सकते है। 

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