The question covered in the Post
- What is a Concept of Market trend in trading?
- What are the 3 types of trends?
What is a trend example?
प्रचलित शब्द प्रयोग
ट्रेंड को हम आसान भाषा में चलन कहते है, या उसका अर्थ देखे तो झुकाव या किसी चीज की प्रवृत्ति को हम ट्रेंड कहते है। बाजार में ट्रेंड यही शब्द ज्यादातर उपयोग किया जाता है, इसलिए हम यहाँ इसी शब्द का प्रयोग करेंगे।
व्याख्या और प्रकार
(Concept of Market Trend) जैसे की हमने यह शब्द अपने जीवन में कई बार सुना होगा, की बाजार में फलाना-फलाना ट्रेंड चल रहा है, कपड़ो का ट्रेंड, गहनों का ट्रेंड। कोई कलाकार का कोई पहनावा लोगो को पसंद आता है, तो लोग बाजार में वही खरीदना चाहते है। यानि की हम यह कह सकते है की कोई चीज या वस्तु अभी ट्रेंड में है। फिर आगे जाकर कोई और ट्रेंड आ जायेगा। लोग फिर उसे भी अपना लेंगे। तो अब हम इसी नजरिये से बाजार को देखे तो बाजार भी हमेशा अपना रुख बदलता रहता है। यहाँ ट्रेंड का मतलब है की कीमत किस दिशा में जा रही है। क्या कीमत ऊपर की ओर जार रही है, निचे जा रही है या फिर किसी एक जगह पर ही ऊपर निचे हो रही है। कीमत यह दिशा हमें बाजार का ट्रेंड बताता है। लेकिन शेयर बाजार बस तीन ट्रेंड के बिच काम करता है। जो की कुछ इस प्रकार है। (Type of Market Trend)
- अप ट्रेंड
- डाउन ट्रेंड
- साइड वेज
अब हम इन ट्रेंड के बारे में थोड़ा विस्तार से जानेंगे।
अपट्रेंड – Uptrend
अब हम जब किसी भी स्टॉक का, किसी भी निर्देशांक का चार्ट देखते है तो सबसे पहले क्या देखते है। हम यह देखते है की कीमत किस दिशा में जा रही है। तो अगर हम निचे के चित्र को देखे तो हमें इतना तो आसानी से समझ आ जाता है की कीमत ऊपर की दिशा में जा रही है। यानि कीमत अपट्रेंड में है। अपट्रेंड में कीमत में हायर हाय (Higher High) और हायर लो (Higher Low) की एक श्रृंखला शामिल होती है। अब इन शब्दों को हिंदी में भाषांतर कर समझाना मुश्किल हो जायेगा इसलिए मैं इन्ही दो शब्दों का उपयोग करूँगा। पहले चार्ट को ध्यान से देख ले फिर हम इसे समझते है।
Concept of Market Trend : Uptrend
अब यहाँ आप ध्यान से देखे तो आपको यहाँ कीमत में हायर हाय (Higher High) और हायर लो (Higher Low) की एक श्रृंखला बनती दिखाई दे रही है। इसमें कीमत एक ऐसा कैंडलस्टिक पैटर्न बनाते हुए ऊपर की दिशा में बढ़ती है, जहा कीमत अपने पिछले उच्च स्तर (Higher High) को तोड़कर नया उच्च स्तर (Higher High) बनाती है और अगला निम्न स्तर (Higher Low) पिछले निम्न स्तर (Higher Low) के ऊपर ही होता है। कीमत की ऐसी स्थिति को हम अपट्रेंड कहते है।
डाउनट्रेंड – Down Trend
डाउनट्रेंड में अपट्रेंड के ठीक उल्टा होता है। इसमें कीमत हमे निचे गिरती हुई दिखाई देती है। यानि के कीमत में निम्न स्तर (Lower Low) और निम्न चढ़ाव (Lower High) की एक श्रृंखला शामिल होती है। संक्षेप में कहे तो शेयर की कीमत समय के साथ साथ कम होती नजर आती है।
Concept of Market Trend : Downtrend
यहाँ कीमत एक ऐसा कैंडलस्टिक पैटर्न बनाती है। जहा कीमत अपने पिछले निम्न स्तर (Lower Low) को तोड़कर नया निम्न स्तर (Lower High) बनाती है। और जहा अगला उच्च निम्न स्तर (Lower High) पिछले उच्च निम्न स्तर (Lower High) के निचे ही बनता है। कीमत की ऐसी स्थिति को हम डाउनट्रेंड कहते हैं।
साइड वेज – Side Ways
इसे हम रेंज मार्केट – Range Bound Market भी कहते है।
Concept of Market Trend : Side Ways Trend
साइड वेज यानि रेंज मार्केट में कीमत एक रेंज में फंसी रहती है। या यह कह सकते है की कीमत एक उच्च बिंदु (रेसिस्टेंस) और एक निम्न बिंदु (सपोर्ट) में ही ऊपर और निचे घूमती रहती है। यहाँ कीमत एक ऐसा कैंडलस्टिक पैटर्न बनाती है जो की एक बक्से में फंसने की तरह दिखाई देती है। मान लीजिए कि कीमत ऊपर जाती है, एक उच्च बिंदु या स्तर बनाती है और वापस निचे आती है। नीचे आकर फिर एक निम्न बिंदु या स्तर बनाती है और फिर से पहले वाले उच्च स्तर पर आती है, और फिर से नीचे जाती है। इस तरह से कीमत दो बिंदुओं के बिच ऊपर और निचे घूमती रहती है। कीमत की इस स्थिति को हम एक रेंज मार्केट कहते हैं।
अभ्यास
इसका अभ्यास करने से पहले हमे यह पता होना जरुरी होता है की कीमत में कौनसा ट्रेंड चल रहा है। और कीमत सही दिशा में है या नहीं, या कहीं कीमत के दिशा में बदलाव हुआ है इसे समझने के लिए हमें ट्रेंड लाइन, सपोर्ट और रेसिस्टेंस लाइन का पता होना जरुरी होता है। अगर हमें इसका सही से पता नहीं होगा तो हमारी लाइन्स गलत हो सकती है। और हमारा ट्रेड भी गलत जा सकता है। अगर आप हर ट्रेंड के साथ दिए गए चित्रों को देखे तो उनमे आप को ट्रेंड लाइन, सपोर्ट और रेसिस्टेंस लाइन दिखाई दे रही होंगी। तो बस किसी भी स्टॉक की कीमत का ट्रेंड समझने के लिए पहले ट्रेंड लाइन, सपोर्ट और रेसिस्टेंस लाइन इसका अभ्यास कर ले।