Term Insurance vs Ulip vs Endowment plans
Life Insurance जब हम कोई लाइफ इंश्योरेंस लेने के बारे में सोचते हैं, तो हमें काफी कन्फ्यूजन हो जाता है। बहुत से लोग तो इसके बारे में बात ही नहीं करते हैं, या फिर शायद सोचते भी नहीं है। फिर जब हमें इसका अपने लाइफ में लाइफ इन्शुरन्स का इम्पोर्टेंस पता चलता है। तब हमारे दिमाग में अलग-अलग सवाल आने शुरू हो जाते हैं।
- क्या हमें लाइफ इंश्योरेंस लेनी भी चाहिए या नहीं? हमारे प्रोफाइल के लिए कौनसा लाइफ इंश्योरेंस अच्छा है?
- लाइफ इंश्योरेंस कौन सी बेस्ट है? क्या टर्म इंश्योरेंस बेस्ट है? या एंडोमेंट पॉलिसी, फिर यूलिप अच्छा है।
- हमें लाइफ इंश्योरेंस कब लेनी चाहिए? लाइफ इंश्योरेंस लेने के लिए सही समय क्या है?
- कैसे हम अपने लिए बेस्ट इंश्योरेंस का चुनाव करें? और इसके क्या-क्या पैरामीटर हमें चेक करने चाहिए?
- प्रीमियम कैसे भरना है? सिंगल प्रीमियम, रेगुलर प्रीमियम, या फिर लिमिटेड टाइम के लिए प्रीमियम भरे?
आज हम एक एक कर इन सारे सवालों के जवाब जानने वाले हैं। जिससे आप जब लाइफ इंश्योरेंस खरीदने के लिए जाए, तो आप अपने लिए एक बेहतर और अच्छी लाइफ इन्शुरन्स पॉलिसी का चुनाव कर सके।
पहला सवाल “क्या हमें लाइफ इंश्योरेंस किसे लेनी चाहिए?”
सबसे पहले हम जानेंगे की क्या हमें Life Insurance लेने की जरुरत है? और नहीं तो क्यों नहीं है?
मान लीजिए रोहन नाम का एक स्वस्थ व्यक्ति है। अच्छी जॉब कर रहा है, अच्छा कमा रहा है। वो सोचता है की अगर किसी वजह से अचानक उसकी मृत्यु हो जाती है, तो भविष्य में उसके बाद भी उसके परिवार को पैसो की कमी न हो। किसी भी तरह से परिवार की फाइनेंशियल सिचुएशन खराब ना हो जाए। इसी कारन वो लाइफ इंश्योरेंस लेना चाहता है। तो क्या अब रोहन को लाइफ इंश्योरेंस लेनी चाहिए या नहीं, यह दो बातों पर निर्भर करता है।
आर्थिक स्थिति:
रोहन देखेगा की उसकी आर्थिक स्थिति कैसी है? उसकी इनकम कितनी है? साथ में परिवार के जो दूसरे लोग है, मतलब उसके माता-पिता, वाइफ, बच्चे, या परिवार में जो भी लोग है। उनमे से कोई भी वर्किंग है, जिनसे परिवार में अभी भी इनकम आ रही है? साथ ही उनके खर्चे कितने हैं? यानि रोहन की इनकम को हटा दें, उसके बाद भी उनके जो महीने के खर्चे हैं, उससे ज्यादा अगर उनकी फैमिली इनकम है। तो इसका मतलब परिवार के लोग राहुल पर निर्भर नहीं है।
असेट्स और लायबिलिटी:
अगर पूरे फैमिली असेट्स लायबिलिटी से ज्यादा हैं। लायबिलिटी यानि कर्जे जैसे की होम लोन, कार लोन, या और किसी तरह के लोन। या फिर भविष्य में बच्चों की पढाई, उनकी शादियां वगैरा। उन सभी खर्चों को अगर हम मिला लें, तो उन सब लायबिलिटी से अगर उनके असेट्स ज्यादा निकलती है, मतलब उनकी नेटवर्थ पॉजिटिव है।
तो ऐसे लोगो को जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है और जिनके असेट्स भी ज्यादा है, इन्हे लाइफ इंश्योरेंस लेने की जरूरत नहीं है। या यह उनपर निर्भर करता है।
लेकिन अगर आपके परिवार के लोग आपकी ही इनकम पर निर्भर है और साथ में अगर उनके परिवार की नेटवर्क नेगेटिव है। यानि आपके अचानक जाने से परिवार की पूरी आर्थिक स्थिति ख़राब हो सकती है, तो ऐसे में आपको लाइफ इंश्योरेंस लेने की जरूरत है।
दूसरा सवाल “लाइफ इंश्योरेंस कौन सी लेनी चाहिए?”
अगर आप लाइफ इन्शुरन्स खरीदने किसी एजेंट के पास जाएं, तो वो आपको ऐसे प्लांस बेचना चाहेगा, जहां पर उसको काफी कमीशन मिल रहा होगा। जैसे की वो आपको एंडोमेंट प्लान, यूलिप प्लान बेचने की कोशिश करेगा, ना की टर्म इन्शुरन्स। और ज्यादातर एजेंट इसके बारे में बात ही नहीं करते है। क्योंकि इसमें उन्हें काफी मामूली सा कमीशन मिलता है। लेकिन इन सबमें टर्म इन्शुरन्स ही अच्छा प्लान होता है। तो अब एक-एक हम सभी प्लान्स को समझते है।
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एंडोमेंट प्लांस
इस प्लान में आपको मनी बैक गारंटी (Money Back Garuntee) दी जाती है। यानी की जितना भी पैसा आप पॉलिसी में इन्वेस्ट करेंगे। अगले 30 साल 40 साल तक, या जितने भी पीरियड तक आप पॉलिसी ले रहे हैं। आपने जितना भी पैसा इन्वेस्ट किया, वो पैसा भी आपको वापस मिलेगा, और उसकी के साथ कुछ रिटर्न्स भी मिलेंगे।
यानि आपका पैसा आपको बढ़कर वापस मिलता है। साथ में ही आपको लाइफ कवर भी मिल जाता है। यानि पॉलिसी के दौरान आपको कुछ हो जाता है, तो आपके परिवार को पॉलिसी कवर भी मिल जाता है। अब सुनने में तो लगता है की यह बहुत ही अच्छी पॉलिसी है। जहा पर हमें पैसा भी वापस मिल रहा है, और साथ ही साथ लाइफ इंश्योरेंस भी। लेकिन हम इसकी कैलकुलेशन को आगे समझते है।
यूलिप
यूलिप जिसे हम कहते हैं यूनिट लिंक इंश्योरेंस प्लान। जिसमें आपने दिया हुआ प्रीमियम का पैसा स्टॉक मार्केट के अंदर इन्वेस्ट किया जाता है। यहां पर आपको रिटर्न्स एंडोमेंट से थोड़े अच्छे मिलते हैं। और कुछ हद तक लाइफ कवर भी मिल जाता है।
टर्म इन्शुरन्स प्लान
टर्म इन्शुरन्स प्लान में आप जितना भी प्रीमियम में भरते हैं। वो सारा का सारा पैसा आपको डेथ बेनिफिट देने के लिए दिया जाता है। यानी की आपकी फैमिली को पैसा तभी मिलेगा, जब आपकी डेथ हो जाएगी। मतलब आपको जीवित रहते समय एक भी पैसा वापस नहीं मिलेगा। जो भी मिलेगा आपकी फॅमिली को। ये थोड़ा अजीब लग रहा होगा, लेकिन अगर मैं फिर भी कहु की यह सबसे बेस्ट फॉर्म ऑफ इंश्योरेंस है। तो क्या आप विश्वास करेंगे। आइए इसे भी समझते है, की मैं ऐसा क्यों कह रहा हु।
अब ऐसा क्यों है की जहा हमें हमारा पैसा वापस भी नहीं मिल रहा है, फिर भी मैं इन सब में टर्म इन्शुरन्स प्लान को अच्छा बोले जा रहा हु।
Life Insurance : टर्म इन्शुरन्स Vs एंडोमेंट Vs यूलिप
टर्म इन्शुरन्स (Term Insurance)
यहां निचे हम Term Insurance को पॉलिसी बाज़ार पर किये तुलना को देख सकते है। यहाँ मैंने आयु 30 वर्ष रखी है, लाइफ कवर ₹1,00,00,000 (एक करोड़) का और मंथली प्रीमियम का चुनाव किया है।
- तो यहाँ हम अलग अलग कंपनियों की तुलना को देख सकते है, जो की हमें Term Insurance Plan ऑफर कर रही है। इनकी तुलना कर देखे तो हमें 1 करोड़ का लाइफ कवर के लिए मंथली प्रीमियम कम से कम ₹930 का निकल कर आ रहा है, वही ज्यादा से ज्यादा ₹1,083 के आसपास दिखाई दे रहा है।
- यह लाइफ कवर हमें हमारी आयु के 60 वर्ष तक मिलेगा। यानि अगले 30 साल में कभीभी। अब अगर आपकी आयु 30 से भी कम है, तो ऐसे में आपको प्रीमियम और भी कम देना पड़ सकता है। और अगर आपकी आयु 30 से ज्यादा है, तो थोड़ा और ज्यादा प्रीमियम देना होगा।
- यानि कम आयु में Term Insurance लेना कभीभी ज्यादा फायदेमंद होता है। कम प्रीमियम और ज्यादा लाइफ कवर मिलता है। और इसका सबसे अच्छी बात यह है की जब आप टर्म इन्शुरन्स लेते है तो आपका प्रीमियम लॉक हो जाता है।
एंडोमेंट प्लान्स (Endowment Plans)
एंडोमेंट इन्वेस्टमेंट प्लांस में हमें लाइफ कवर के साथ-साथ मनी बैक गारंटी भी मिलती है। सबसे जरुरी बात इसमें यह है की यहाँ प्रीमियम को इन्वेस्टमेंट की तरह ट्रीट किया जाता है।
- यहां आप देखेंगे की अगर आप यहां पर ₹10,000 हर महीने पांच सालो तक इन्वेस्ट करते है, तब आपको 7.2% से 5.6% तक का रिटर्न मिलेगा, यानि एवरेज की बात करें तो 6.25% या शायद उससे भी कम का रिटर्न।
- अब जैसा की मैंने कहा की इसमें Money Back Guarantee के साथ-साथ आपको लाइफ कवर भी मिलता है। तो एकबार उसे भी देख लेते है।
- एंडोमेंट इन्वेस्टमेंट प्लांस में लाइफ कवर के बारे में देखेत तो हमे ज्यादातर ऐसा ही कुछ दिखाई देगा। यानि हर महीने ₹10,000 (दस हजार) का प्रीमियम देने के बाद सिर्फ ₹12,00,000 (बारा लाख) तक का लाइफ कवर मिलेगा।
- यानि अगर हमें कुछ हो जाता है, तो हमारे परिवार को सिर्फ ₹12,00,000 (बारा लाख) मिलेंगे। वही 10 साल बाद हम जीवित रहते है तो हमें ₹10,00,000 (दस लाख) मिलेंगे। यानि हमारी कुल ₹6,00,000 (छह लाख) की इन्वेस्टमेंट पर हमें 10 साल बाद सिर्फ ₹4,00,000 (चार लाख) ही ज्यादा मिलेंगे।
- अब यहाँ हम महंगाई के दर से इसकी तुलना करते, तो सामान्यतः महंगाई का दर 6% से 6.25% प्रतिशत का है। मतलब इसमें हमें महंगाई के बराबर भी रिटर्न नहीं मिल रहे है। इसका मतलब हमारी इन्वेस्टमेंट, इन्फ्लेशन को भी कवर नहीं कर पा रही है। और यहाँ प्रीमियम भी हम टर्म इन्सुरन्स से 10 गुना ज्यादा दे रहे है।
यूलिप प्लान्स (Ulip Plans)
- यूलिप पॉलिसी में भी थोड़ा बहुत एंडोमेंट इन्वेस्टमेंट प्लांस जैसा ही हाल है। यहाँ एंडोमेंट इन्वेस्टमेंट प्लांस के मुकाबले थोड़ा कम लाइफ कवर मिलता है, लेकिन रिटर्न्स हमें 8.7% से 8% प्रतिशत के आसपास मिलते है। यानि अगर आप हर महीने ₹10,000 (दस हजार) तक का प्रीमियम देते है, तो आपको करीबन ₹8,00,000 (आठ लाख) तक का लाइफ कवर मिलेगा। और 10 साल बाद 12 से 15 लाख तक के रिटर्न मिलेंगे। यहाँ पर वही हिसाब है, लाइफ कवर बढ़ाने जाओ तो प्रीमियम बढ़ेगा।
निष्कर्ष
- वही हम एक और पैरामीटर लगाकर इन दोनों पॉलिसी की तुलना कर देखते है। अगर हमें टर्म इन्शुरन्स की तरह एंडोमेंट और यूलिप में एक करोड़ तक का लाइफ कवर चाहिए, तो हमें कितनी इन्वेस्टमेंट करनी पड़ेगी? तो इसका उत्तर आसान है, हर महीने ₹10,000 (दस हजार) पर ₹12,00,000 (बारा लाख) का लाइफ कवर मिल रहा है,
- यानि हम ₹10,000 (दस हजार) के प्रीमियम को 8 से 10 गुना कर दे, तब जाकर हमें इन प्लान्स में ₹1,00,00,000 (एक करोड़) तक का लाइफ कवर मिलेगा। यानि आपको महीने का ₹1,00,000 (एक लाख) रूपये का प्रीमियम भरना होगा। तब जाकर आपको एक करोड़ का लाइफ कवर मिलेगा।
- यहाँ आपकी पांच साल में कुल इन्वेस्टमेंट रकम होगी ₹60,00,000 (साठ लाख रूपये), और 10 साल बाद आपको ₹1,00,00,000 (एक करोड़) तक पैसे मिलेंगे। और महंगाई की दर के हिसाब से देखा जाए तो 10 साल बाद 01 करोड़ रुपयों की कीमत होगी सिर्फ 50 से 60 लाख। यानि आप जितना देने वाले हो वही आपको यहाँ रिटर्न मिलने वाला है।
- अब जो आदमी सालाना ₹12,00,000 (बारा लाख) तक का प्रीमियम अगर भर सकता है, तो वो पॉलिसी लेना ही क्यों चाहेगा। इतना ज्यादा प्रीमियम भरना किसी साधारण इंसान के बस की बात नहीं है।
तो अब सवाल बनता है की टर्म इन्शुरन्स में लाइफ कवर ज्यादा है, लेकिन कुछ भी रिर्टन नहीं मिल रहा। वही बाकि दो पॉलिसी में रिटर्न और लाइफस कवर दोनों भी मिल रहा है, लेकिन महंगाई के मुकाबले बोहोत ही कम है। इसका भी एक उपाय है। जो की निचे के चार्ट को देख पाएंगे।
कैसे और कहा निवेश करे?
Endowment Policy | ULIP | Term Insurance | SIP | |
Monthly Premium | ₹10000 | ₹10000 | ₹1000 | ₹5000 |
Sum Assured | ₹12,80,000 | ₹13,80,000 | ₹1,00,00,000 | – |
Yearly Investment | ₹1,20,000 | ₹1,20,000 | ₹12,000 | ₹60,000 |
Investment Period | 5 Years | 5 Years | 30 Years | 10 Years |
Return | 5% | 10% | Fixed Life Cover | 12% to 14% |
Total Investment | ₹6,00,000 | ₹6,00,000 | ₹3,60,000 | ₹600000 |
At Maturity | ₹15,52,882 | ₹20,48,449 | 1 Crore Life Cover | ₹13,10,457 |
- यहाँ आप इस टेबल को ठीक से समझने की कोशिश करे, एकतरफ Endowment Policy और ULIP है, और दूसरी तरफ हम Term Insurance और SIP को देख सकते है।
- अब अगर आप पहले Endowment Policy और ULIP दोनों को देखो तो, आप हर महीने ₹10,000 तक का प्रीमियम देकर, मतलब सालाना ₹1,20,000 का प्रीमियम दे रहे है। जहा आपकी 5 साल में 6 लाख की इन्वेस्टमेंट हो जाएगी। और 10 साल बाद आपको ₹15,52,882 और ₹20,48,449 की रकम मिलेगी। और साथ ही 12 लाख से 14 लाख के बिच का लाइफ कवर मिल रहा है।
- वही हम अगर Term Insurance ख़रीदे और साथ में SIP में निवेश करे। तो जो की टर्म इन्शुरन्स का प्रीमयम है वह हमें सिर्फ ₹1,000 देना होगा, और हमें 1 करोड़ तक का लाइफ कवर प्राप्त हो रहा है। वही हम 10 साल के लिए हर महीने सिर्फ ₹5,000 SIP करे, तो ₹6,00,000 की SIP पर कम से कम दुगना मतलब ₹13,00,000 तक का रिटर्न पा रहे है।
- जो की कम से कम है, यह ज्यादा से ज्यादा 25 प्रतिशत या उससे ज्यादा का भी हो सकता है। यानि हो सकता है की आप उतना या उससे भी कई ज्यादा रिटर्न पा सकते हो जितना आपको Endowment Policy और ULIP में मिल रहा है।
- लेकिन यहाँ आपका निवेश हर महीना सिर्फ ₹6000 का है।
टर्म इन्शुरन्स हमें कब खरीदना चाहिए?
जैसा की हमने ऊपर के कम्पैरिजन चार्ट में देखा है, हमने उस चार्ट में 30 साल की आयु के लिए निवेश का चयन किया है। इसमें हमें साधारण ₹1000 तक के आसपास का प्रीमियम दिख रहा है। तो इसका आसान सा जवाब है की आप आयु जितनी कम होगी, जितनी कम आयु में आप टर्म इन्शुरन्स खरीदेंगे उतना कम प्रीमियम आपको देना पड़ेगा, और जितनी ज्यादा उम्र में खरीदेंगे उतना ज्यादा प्रीमियम देना होगा।
लेकिन इसमें भी एक महत्वपूर्ण बात यह है, की जब भी आप टर्म इन्शुरन्स को खरीदते है, तब जिस प्रीमियम पर आप उसे खरीद रहे है, वही प्रीमियम फिक्स होता है। यानि वही आपको आखिरतक भरना है। इसमें उम्र के साथ प्रीमियम की रकम नहीं बढ़ती।
यानि मान लीजिये की रमेश नाम के व्यक्ति की ने 25 साल की उम्र में टर्म इन्शुरन्स ख़रीदा है, और उसे ₹700 का प्रीमियम भरना पड़ रहा है। उसने अगले 30 साल के लिए (यानि 55 तक) पॉलिसी ली है। अब अगर उसकी उम्र 50 हुई होगी तो भी उसे उतना ही प्रीमियम भरना होगा, जितना शुरुवात में तय हुआ था। यानि अब अगर उसकी आयु 50 भी है तो भी वह ₹700 का ही प्रीमियम भर रहा है। शुरुवात में जो भी प्रीमियम हमें मिलता है वही प्रीमियम हमेशा के लिए लॉक हो जाता है।
क्लेम सेटलमेंट रेशों
कोई भी टर्म इन्शुरन्स खरीदने से पहले आप उस कंपनी का क्लेम सेटल्ड रेशों जरूर चेक कर ले। यानी की अगर किसी कंपनी के पास एक साल में 1000 क्लेम होते है और उनमें से मान लीजिए उन्होंने 970 क्लेम ही पास किये है, तो उस कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो 970/1000=97% निकलकर आता है।
तो हमें कोशिश करनी चाहिए की जिस भी कंपनी को हम चुन रहे है उसका क्लेम सेटलमेंट रेश्यो 97% या उससे ज्यादा का हो। मतलब की कंपनी ज्यादा से ज्यादा क्लेम को सेटल कर रही है और ये क्लेम सेटलमेंट रेश्यो आपको कंपनी की वेबसाइट पर देखने मिल जाता है। या आप जिससे टर्म इन्शुरन्स खरीद रहे है, उनसे इस बारे में पूछ सकते है।
अमाउंट सेटलमेंट रेशों
जिसका मतलब की टोटल अमाउंट जितना क्लेम किया गया, उसमे से कितना अमाउंट को पास किया गया है। मान लीजिये के एक साल में कुल 100 करोड़ टोटल अमाउंट क्लेम किया गया, और किसी इंश्योरेंस कंपनी 95 करोड़ सेटल किया। इसका मतलब उनका अमाउंट सेटलमेंट रेशों थोड़ा कम हो गया। यानी की 95% का हो गया।
अब जनरली देखे तो ज्यादातर इंश्योरेंस कंपनी में ये अमाउंट सेटलमेंट रेश्यो जो है, वो क्लेम सेटलमेंट रेशों के मुकाबले थोड़ा कम ही होता है। लेकिन ये भी एक बहुत अच्छा नंबर है, जो हमें इंडिकेट करता है की कौन सी कंपनी ज्यादा अमाउंट है सेटल करती है।
प्रीमियम कैसे भरना है?
अब अगर सबसे आखिर में सवाल आता है की हम प्रीमियम भरना चाहते है तो हमें सिंगल प्रीमियम भर देना चाहिए, या रेगुलर प्रीमियम भरना चाहिए।
तो अब मान लीजिये की कंपनी आपको कहती है की आप सिंगल प्रीमियम भर दीजिए, तो आपको जो कुछ टर्म इन्सुरन्स का पूरा प्रीमयम होगा वो एक ही वक्त में भरना होगा। जो भी हो, 3 लाख, 5 लाख कुछ भी हो सकता है। शायद आप को भी ऐसा लग सकता है की हर महीने भरने से अच्छा है एक साथ भर देते है तो हर महीने भरने की झंझट नहीं रहेगी।
तो इससे अच्छा है की आप 6 महीने या 1 साल का प्रीमियम एक साथ भरते है तो अच्छा होता है। अब ऐसा मैं किस लिए कह रहा हु समझते है।
मान लीजिए की गुलाब नाम का एक व्यक्ति है, जो एक टर्म इन्शुरन्स (Term Insurance) 30 साल के लिए खरीदता है। जिसका महीने का प्रीमियम 1,000 है और तिस साल का पूरा 3,60,000 प्रीमियम होता है। (यह सिर्फ उदाहरण है, इसमें कम ज्यादा भी हो सकते है)
पहली कंडीशन:
गुलाब की महीने की पगार अभी 10,000 रूपये है। तो अभी उसके लिए महीने 1,000 का प्रीमियम यानि उसकी पगार के 10 प्रतिशत का हिस्सा है। अब मन लेते है पांच साल बाद उसकी पगार 25000 हो जाती है, और प्रीमियम अब भी 1,000 ही है, यानि अब उसका प्रीमियम पगार के 4 प्रतिशत का हिस्सा है। यहां गुलाब हर महीने प्रीमियम भरने के बजाय हर साल का 12,000 प्रीमियम एक साथ भरता है, तो भी चल सकता है।
दूसरी कंडीशन:
अब मान लेते है की गुलाब सालाना 12,000 प्रीमियम भरता आ रहा है। और उसने दस साल प्रीमियम भरने के बाद अचानक उसकी डेथ हो गई। यानि दस साल तक उसने प्रीमियम सिर्फ 1,20,000 ही भरा है और उसे अब भी लाइफ कवर 1 करोड़ का ही मिला है। यानि इस हालत में भी उसने एक साथ प्रीमियम न भरते हुए, 2 लाख 40 हजार की बचत की है।
तीसरी कंडीशन:
अब महंगाई के दर से तुलना कर के देखे तो मान लेते है की गुलाब के लिए महंगाई दर अनुसार अभी 1000 की कीमत 1000 ही है, वही 10 साल बाद या फिर 20 साल बाद, महंगाई दर बढ़ेगी, तब यही 1000 हजार का प्रीमियम उसके लिए लिए 100 रुपयों के बराबर होगा।
यानि अब आप समझ ही गए होंगे की किस तरह से प्रीमियम भरने में हमारा फायदा है। तो बस होशियार बने और एक साथ सिंगल प्रीमियम भरने के बजाय सालाना या हो सके तो रेगुलर प्रीमियम ही भरे।
और आप जो प्रीमियम भर रहे है, उसे इन्शुरन्स कंपनी स्टॉक मार्केट में ही इन्वेस्ट कर रही है, एक साथ प्रीमियम भरने से कंपनी को ज्यादा लम्बे समय तक आपका पैसे इस्तेमाल करने को मिलता है। यानि वो अपने लिए ज्यादा रेवेन्यू जनरेट करते है। उसके बजाय सालाना प्रीमियम भर के आप खुद बाकि बचे पैसो को म्यूच्यूअल फंड्स या स्टॉक्स में इन्वेस्ट कर सकते है। यहाँ आपको 10 साल 20 साल बाद अच्छे रिटर्न्स देखने को मिलेंगे।
आशा करता हु की आपको Term Insurance और Mutual Funds में निवेश के संबंध में इस लेख से महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी, फिर भी अगर आपका कोई सवाल हो तो आप मुझे मेल कर सकते है।
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