Question covered in the post.
What is technical analysis in stocks? Which technical analysis is best? How to learn technical analysis in stock market?
प्रचलित शब्द प्रयोग
टेक्निकल एनालिसिस को हिंदी में तकनिकी विश्लेषण कहा जाता है। बाजार में ज्यादातर टेक्निकल एनालिसिस उपयोग किया जाता है। इसलिए समझने के लिए हम इसी शब्द का प्रयोग करेंगे।
व्याख्या और महत्त्व
इसका सरल अर्थ यह है की जब हम किसी स्टॉक की कीमत की स्थिति और उसके उतार-चढाव का अलग अलग उपकरणों की सहायता से विश्लेषण करते है। तो उसी को टेक्निकल एनालिसिस कहते है। मेरी परिभाषा में टेक्निकल अनलयसीस / तकनीकी विश्लेषण मतलब यह है कि बाजार से या किसी स्टॉक से संबंधित पिछले डेटा को जैसे चार्ट पैटर्न, कैंडलस्टिक पैटर्न, मूविंग एवेरेजेस, वॉल्यूम, इंडीकेटर्स आदि की सहायता से किया गया एक अभ्यास है, जो की हमें भविष्य में उस स्टॉक में बाजार में सही निवेश करने का निर्णय लेने में मदद करता है।
टेक्निकल एनालिसिस में ये गलतियां न करे।
इससे पहले कि हम तकनीकी विश्लेषण में गहराई से उतरें, मैं चाहता हूं कि आप दो गलतियों से सावधान रहें।
- गलती नंबर एक –
कई ट्रेडर यह गलती करते हैं, की वे अपने चार्ट में बहुत सारे इंडीकेटर्स को जोड़ते हैं। क्योंकि उन्हें लगता है की इससे वह एक पेशेवर प्रो ट्रेडर की तरह दिखाई देते है, लेकिन अगर आप ध्यान से देखे तो आपको यह एहसास होगा कि जो भी प्रोफेशनल ट्रेडर्स होते है, उनकी मॉनिटर स्क्रीन पर दिखने वाले उनके चार्ट वास्तव में बहुत ज्यादा खाली होते हैं।
जिन्होंने अभी-अभी ट्रेडिंग शुरू की है, वे अपने चार्ट पर कई तरह के इंडीकेटर्स जैसे की मूविंग एवरेज (Moving Averages), आरएसआई (RSI), एमएसीडी (MACD) को लगाकर रखते है, जिससे चार्ट और भी जटिल दिखाई देता है, और इस कारन से निर्णय लेना भी कठिन हो जाता है। यदी अगर हम अपने चार्ट्स पर बहुत अधिक टूल जोड़ते हैं, तो हमें एक गलत विश्लेषण मिलने की संभावना ज्यादा होती है। क्योंकि यह टूल एक ही वक्त में अलग अलग जानकारी प्रदान करते है। और इससे आपका निर्णय गलत होने की संभावना भी ज्यादा होती है।
यह ऐसा है जैसे आप अपने जीवन में कोई ठोस निर्णय लेना चाहते हो, पर निर्णय लेने के लिए अपने दोस्तों से सलाह लेते हो, फिर आप अपने रिश्तेदारों से सलाह लेते हो, फिर आप घरवालों की सलाह लेते हो। संभावना है की हर कोई आपको अलग-अलग सलाह देगा। और अंत में आप निर्णय लेने में असमर्थ रहोगे। ट्रेडिंग करते समय भी ठीक वही होता है।
यदि आप अपने चार्ट में बहुत अधिक इंडीकेटर्स, चीजों को जोड़ते हैं तो आप अपने ही ट्रेडिंग में निर्णय नहीं ले सकेंगे। और इस बात की ज्यादा सम्भावना है की आप नुकसान करेंगे।
- गलती नंबर दो –
आपके पास ट्रेडिंग करने के लिए कोई रूपरेखा नहीं है। कोई नियम नहीं है। इसे मैं आपको और सरलता से समझाता हु। मान लीजिए कि आप एक घर बनाना चाहते हैं, आप इसे कैसे करेंगे? क्या आप बस बाजार में जाकर एक के बाद एक चीजों को खरीदते जायेंगे। जैसे की आपको लगा की मुझे घर में एक किचन की आवश्यकता है, तो आपने किचन का सामान खरीद लिया, फिर आपको लगा की आपको नहाने के लिए शॉवर, टब की जरुरत है और अपने उसे भी बस खरीद लिया। फिर आपने सोफा ख़रीदा, कुर्सियां खरीदी। आप बस चीजों को खरीदते चले गए और घर वापस आकर आपने, सोफे को एक जगह रख दिया, बाथ टब को कही रखा, कही बेड लगा दिया और उसके बगल में कहीं शौचालय लगा दिया। आप चीजों को बस यहाँ वहां रखते चले गए। मुझे आशा है कि यह सही नहीं होगा आप ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहोगे। क्योंकि यदि आप ऐसा करेंगे तो आप जानते ही वह एक बहुत ही बदसूरत घर होगा।
हम क्या करेंगे कि हमारे पास घर के निर्माण का एक स्वरुप होगा, एक ब्लू प्रिंट, एक रूपरेखा होगी। जिसकी सहायता से हम सही ढंग से घर को डिजाइन कर सके। जिसमे हमें पता होगा की बेडरूम, बाथरूम, किचन इन सभी सरंचना कहा होगी। और इसी तरह से घर बनता जायेगा।
ट्रेडिंग भी ऐसा ही है, आपके पास एक ढांचा होना चाहिए है, जिससे आप बाजार की स्थिति को समझकर बाजार में खरीदारी करनी है, या बेचना है इसका सही निर्णय ले सके।
टेक्निकल एनालिसिस और इंडीकेटर्स
टेक्निकल एनालिसिस में लोग तरह- तरह के इंडीकेटर्स का अपनी ट्रेडिंग में उपयोग करते है। जिनमे से कुछ हम यहाँ देखने वाले है।
- कीमत का ट्रेंड (Price Trend) – इसमें लोग कीमत किस ट्रेंड में उसको समझते है। और कीमत के ट्रेंड के हिसाब से ट्रेड प्लान करते है।
- चार्ट पैटर्न (Chart Patterns) – चार्ट पैटर्न में ट्रेडर स्टॉक के चार्ट पर अलग-अलग पैटर्न्स को ढूंढ़ते है। जैसे की ट्राइंगल पैटर्न, डबल टॉप, डबल बॉटम, हेड एंड शोल्डर, फ्लैग, पीनट, फॉलिंग-राइजिंग वेज और भी कई प्रचलित पैटर्न की तलाश करते है और उनके स्वभाव अनुसार ट्रेड करते है।
- सपोर्ट और रेसिस्टेंस (Support and Resistance) – सपोर्ट और रेसिस्टेन्स में कीमत के विरोध और आधार क्षेत्र पर लक्ष्य केंद्रित करते है। पिछले डेटा को देख सपोर्ट और रेसिस्टेन्स क्षेत्र को चार्ट पर आलेखित करते है, और कीमत का क्षेत्र में आने का इंतजार करते है।
- वॉल्यूम (संख्या) (Volume) – इसमें ट्रेडर कीमत के उतार चढाव के साथ साथ वॉल्यूम यानि संख्या पर ध्यान देते है। जैसे की कीमत के बढ़ने के साथ वॉल्यूम बढ़ रहा है, या घट रहा है। और अपनी स्ट्रेटेजी के हिसाब से ट्रेड करते है।
- मूविंग एवरेज (Moving Averages) – मूविंग एवरेज एक ऐसा इंडिकेटर है जो हमें कीमत का ट्रेंड बताता है। हालाँकि बाजार में इन्हे लैगिंग इंडिकेटर कहा जाता है, क्योंकि यह कीमत की स्थिति को कीमत के मूवमेंट के बाद दर्शाते है, ना की पहले। लेकिन कई ट्रेडर इन्हे भी अपनी स्ट्रैटेजी में शामिल करते है। इसमें हम जितने दिन का मूविंग एवरेज लगाते है, तो यह दर्शाते है की किसी भी स्टॉक की वर्तमान कीमत उसकी औसत कीमत से कितनी ऊपर है, या कितनी निचे है।
- आरएसआई (RSI) – यह relative strength indicator है। यह कीमत में आए बदलाव और गति का सूचक है। इसकी गणना 0 से 100 के बिच की जाती है, जो की आपको कीमत में बदलाव के साथ अत्याधिक खरीदारी और अत्यधिक बिक्री की स्थिति को दर्शाता है।
अब यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है की ऊपर जो मैंने इंडीकेटर्स और ऑक्सीलेटर्स के बारे में जानकारी दी है वह संक्षिप्त में है। इसलिए हम इन सभी इंडीकेटर्स, ऑक्सीलेटर के बारे में दूसरी पोस्ट में विस्तार से जानेंगे।
टेक्निकल एनालिसिस महत्वपूर्ण चार भाग
-
- बाजार संरचना / मार्केट स्ट्रक्चर – आपको बाजार की वर्तमान स्थिति क्या है, इसका सही से पता होना चाहिए। इससे आप जानते हैं कि आपको क्या करना है। मतलब यदि आप जानते हैं कि बाजार की स्थिति ऊपर की ओर है, तो आप खरीदारी के अवसरों की तलाश करते हैं। यदि बाजार में गिरावट की स्थिति है, तो आप बेचने के अवसरों की तलाश करते हैं।
-
- कीमत का क्षेत्र – इसे ठीक से समझे तो मान लो की अगर बाजार ट्रेंडिंग (Trending) में है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप आंख मूंदकर खरीदारी का बटन दबाते चले जाए। क्योंकि हो सकता है की बाजार में जरूरत से ज्यादा खरीदारी हुई हो और उलटफेर या पुलबैक होने वाला हो। यह वही जगह है जहां आप कीमत के क्षेत्र की पहचान करना चाहते हैं, जहां आप किसी ट्रेड में प्रवेश करने के लिए कम जोखिम वाली स्थिति चुनना पसंद करोगे। संक्षेप में आप यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आपको चार्ट पर कहां खरीदना या बेचना चाहिए।
-
- एंट्री ट्रिगर – आपको यह सही से पता होना चाहिए की आपको वास्तव में कब खरीदना या बेचना हैं। मतलब आपको अपने सेटअप / सरंचना के अनुसार चार्ट पर कोई ऐसी स्थिति दिखाई देती है, की जिससे आपको विश्वास होता है, निश्चित पता होता है की इस स्थान पर, या स्थिति में आपको बाजार में खरदीना या बेचना है।
-
- एक्सिट – अब जब आप अपने सेटअप या सरंचना के आधार पर बाजार में एंट्री करते है, कोई ट्रेड लेते है। और अगर वह ट्रेड आपके योजना अनुसार सही जाता है। तो आपको यह भी ज्ञात होना चाहिए की आपको कब या किस स्थिति में बाजार से बाहर निकलना है। इसकी भी योजना आपके पास तैयार होनी जरुरी होती है। यदि बाजार आगे बढ़ता है, ऊपर जाता है। तो आपका पक्ष क्या होगा? आप मुनाफा कहां से लेंगे। या फिर क्या होगा यदि बाजार आपके खिलाफ चला जाता है, तो आप अपना नुकसान कहां काटेंगे।
अंत में टेक्निकल अनलयसीस संक्षिप्त में
- पहली बात तो आपको ट्रेड लेने से पहले यह अच्छे से पता होना चाहिए की आपको किस कीमत पर खरीदना अथवा बेचना है।
- दूसरी बात आपको पता होना चाहिए की आप ट्रेड में कितनी जोखिम उठा सकते है।
- तीसरी बात आपको ट्रेड से कितना लाभ मिलने की अपेक्षा है।
- चौथी और आखरी बात की आपको ट्रेड में कितने समय के लिए बना रहना है। सीधे भाषा में कहे तो टेक्निकल अनलयसीस / तकनीकी विश्लेषण मतलब अपने ट्रेड का अभ्यास है, जिसमे आपको सही से पता हो की ट्रेड में कहा प्रवेश करना है, कहा बाहर निकलना है और कितना जोखिम उठाना है।