क्या आप अमीर बनना चाहते हैं? “The Psychology of Money” सीखें और धन प्राप्ति से जुड़ी अपनी सोच और आदतों को बदलें

क्या आप अमीर बनना चाहते हैं? "The Psychology of Money" सीखें और धन प्राप्ति से जुड़ी अपनी सोच और आदतों को बदलें.

The Psychology of Money Book Summary in Hindi

“द साइकोलॉजी ऑफ़ मनी” यह मॉर्गन हाउसल की लिखी हुई किताब हमें मनोविज्ञान, वित्त और व्यक्तिगत कहानियों का अनुभव देती है। यह किताब पैसो के प्रति मानव व्यवहार और वित्तीय निर्णय लेने के बीच के जटिल संबंधों की जानकारी देती है। यह पाठकों को उन मनोवैज्ञानिक कारकों की गहरी समझ प्रदान करती है जो पैसे के प्रति हमारे दृष्टिकोण को प्रभावित करते हैं।। 

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धन संपत्ति का मनोविज्ञान (The Psychology of Money) – मॉर्गन हाउसल

  • क्या आपने रोनाल्ड रीड की कहानी सुनी है। साल 2014 में एक चौकीदार ने अपनी मौत के बाद पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था, जिस आदमी को लोग मामूली समझते थे।  उसने अपने पीछे 8 मिलियन डॉलर की दौलत छोड़ी थी। रुपए में देखा जाए तो करीब 66 करोड़ 13 लाख 60 हजार 400 रुपये होंगे। शायद आपको मालूम नहीं होगा। लेकिन इतने सारे पैसे ना तो उन्होंने लॉटरी में जीते थे, ना ही उन्हें यह दौलत विरासत में मिली थी।
  • तो सवाल यह है फिर उन्होंने ऐसा क्या किया था, जो हमें मालूम नहीं है। क्योंकि इतना पैसा तो एक मैकेनिकल इंजीनियर भी अपने पीछे नहीं छोड़ता है। तो एक छोटी सी तनख्वाह पर काम करने वाला चौकीदार पैसों की किस मनोविज्ञान को समझ गए थे। जो हम जैसे पढ़े लिखे लोगों को नहीं पता है।
  • जवाब तक पहुंचने से पहले एक और स्टोरी रिचर्ड फुस कोने की जान लेते हैं। रिचर्ड ने दुनिया के बेस्ट कॉलेज हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री हासिल की थी। जिसके बाद उन्होंने वर्ल्ड की बेस्ट कंपनी मेरिल लिंच में एक बड़े पोस्ट पर काम किया। लेकिन पैसे आ जाने के बाद वह ज्यादा दिन अमीर नहीं रह सके।  क्योंकि रिचर्ड को फालतू के खर्चे और कर्जे लेने की आदत पड़ गई थी और उस आदत ने रिचर्ड को बर्बाद कर दिया और 2008 में उन्हें बैंक्रप्ट डिक्लेयर कर दिया गया। मॉरल ऑफ द स्टोरी है कि कभी-कभी यह मैटर नहीं करता है कि आप कितने इंटेलिजेंट हैं, बल्कि पैसे के साथ आपका व्यवहार कैसा है, यह सबसे जरूरी हो जाता है।

अमीर बनने का रास्ता है आदतों में छिपा, जानिए “The Psychology of Money” से!

The Pshychology of Money

इसलिए अगर हम एक बार पैसों की साइकोलॉजी (The Pshychology of Money) को समझ गए तो उम्मीद है कि हमारी हालत रिचर्ड जैसी नहीं  होगी। ऑथर के मुताबिक अमीर बनने से ज्यादा मुश्किल अमीर रहना है। वह कैसे आप इस लेख के आखिर तक समझ जाएंगे।

आज आप बेस्ट सेलिंग बुक “द साइकोलॉजी ऑफ मनी” से वेल्थ, ग्रीड, हैप्पीनेस और मनी रिलेटेड बिहेवियर की टाइमलेस लेसन सीखेंगे। की कैसे ईगो, प्राइड और जेलेसी से आप स्कैम हो सकते हैं। और हम समझेंगे कि कैसे हमारे अंदर स्टॉक मार्केट और पैसों को लेकर एक बेहतर सेंस डेवलप हो सकती है। इसलिए हम “द साइकोलॉजी ऑफ मनी” से पांच ऐसे पैथ ब्रेकिंग लेसंस को समझेंगे जिसकी मदद से आप एक प्रतिशत  कामयाब लोगों में शामिल हो सकते हैं।

The Pshychology of Money इस किताब को मॉर्गन हाउजल ने लिखा था। यहां आपको दिमाग को हिला देने वाले सबक सिखने मिलेंगे।

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लेसन नंबर वन : पे द प्राइस

  • मान लीजिए कि आप एक X स्टोर में इंटर होते हैं। आपने फोन देखा और उसे  इस्तेमाल करने का मन हो गया। अब उस समय आपके पास दो पर्याय हैं। पहला पैसे का इंतजाम करो और फोन को खरीद लो। या फिर दूसरा इधर-उधर देखो और फोन लेकर भाग जाओ
  • अगर आपको जेल जाने से डर लगता है, तो आप पहला पर्याय नहीं चुनेंगे, क्योंकि उस फोन से आपको अपने दोस्तों और गर्लफ्रेंड को इंप्रेस करना है। अब यहाँ पॉइंट यह कि आप जानते हैं कि आपको फोन खरीदने के लिए पैसे देने होंगे, यानी एक फीस देनी होगी।
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  • तो कुछ ऐसा ही इन्वेस्टिंग के साथ भी है। इस काम के लिए भी आपको कीमत देनी होगी और यह कीमत नॉलेज, रिसर्च, रिस्क मैनेजमेंट जैसे सॉफ्ट स्किल्स की शक्ल में होती है। क्योंकि स्टॉक मार्केट एक वोलेटाइल मार्केट है। जिसमें उतार चढ़ाव होते रहेंगे और इस बदलाव में आपको लंबे समय तक पेशेंस रखना पड़ता है और यही पेशेंस हाई रिटर्न्स पाने की फीस यानी कीमत होती है।
  • अगर आपके पास इतना पेशेंस नहीं की जब एक हफ्ते में आपके पोर्टफोलियो का प्राइस 20 प्रतिशत कम हो जाए और  डर में आकर आप उसे बेच दें। तो फिर आप हाई रिटर्न्स के हकदार नहीं होंगे। और शायद मैदान छोड़ देंगे। मान लीजिए की 10 साल पहले आपने विजुलाइज किया था कि नेटफ्लिक्स स्टॉक बाजार में बेहतर कार्य करेगी। और यह सोचकर अपने अपनी पास की रकम का काफी बड़ा हिस्सा निवेश कर दिया। तो हो सकता है की आप आज बोहोत अमीर इंसान बन गए हो।
  • लेकिन असल बात तो यह है की क्या आपने इस पुरे समय अपनेआप को काबू कर रखा था। क्योंकि नेटफिल्क्स स्टॉक को एक बेहतर कीमत पर आने के लिए बोहोत वोलैटिलिटी का सामना करना पड़ा था।

ऑथर The Psychology of Money इस किताब में समझाना चाहते है की बड़े रिटर्न पाने के लिए बड़े हौसले की जरूरत पड़ती है। और स्टॉक्स की उतार-चढ़ाव को दुरुस्त करके उसकी कीमत चुकानी होती है। और यह काम बहुत से इन्वेस्टर्स नहीं करते हैं। लॉस को कम करने के चक्कर में बड़ा मुनाफा छोड़ देते हैं, लेकिन उस चौकीदार ने पैसे को कंपाउंडिंग की मदद से करोड़ों बना दिए थे। 

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लेसन नंबर टू : नेवर इनफ

  • मॉर्गन हाउसेल इस चैप्टर में बहुत गहरी सबक सिखाते हैं। वह लिखते हैं कि कैपटिलिज्म के साथ-साथ दो बड़ी महान चीजें भी आती है। पहला दौलत, दूसरा दुश्मनी। जब आपके परिवार दोस्त और पड़ोसियों की नजर आपके दौलत पर पड़ती है, तो यह आपको काम करने के लिए मोटिवेट कर सकती है। लेकिन जब आप खुद की दूसरों के साथ सोशल कंपैरिजन करना शुरू कर देंगे, तो इस एहसास को आप पूरा नहीं कर पाएंगे। यानि अगर आप चाहते हैं कि पूरे अमेरिका में आपकी गिनती टॉप 01 प्रतिशत अमीर लोगों में हो तो इसके लिए आपको सालाना 5 लाख डॉलर कमाने होंगे।
  • अब मान लेते हैं एक हाईली स्पेशलाइज डॉक्टर जिनका नाम विलियम है वह इतना कमा लेते हैं। अब इमेजिन करें कि उनकी जिंदगी कैसी होगी। वह महँगी गाड़ी ड्राइव कर सकते हैं, लंबी छुट्टी पर जा सकते हैं और कुछ दिनों के लिए किसी और को हायर कर सकते हैं
  • लेकिन उनकी जिंदगी तब तक अच्छी रहेगी जब तक उनकी मुलाकात स्टेनली से नहीं हुई थी, जो विलियम के नए पड़ोसी थे। स्टनली तो उनसे भी बड़ा फनकार निकले क्योंकि यह एक प्रतिशत की भी एक प्रतिशत के हिस्से में आते हैं। स्टनली एक बहुत बड़ी कंपनी के सीईओ हैं। जिनकी सालाना कमाई 10 मिलियन डॉलर है। शायद यह जानने के बाद आपको लगता होगा स्टेनली अपनी जिंदगी से संतुष्ट होगा।
  • लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। क्योंकि स्टेनली वह लड़का है, जिसका बचपन का दोस्त एक बहुत बड़ा बास्केटबॉल खिलाड़ी बन गया है। जिसका नाम है माइकल जॉर्डन। और इसकी कमाई 2 बिलियन डॉलर है। अब इसकी कमाई के सामने 10 मिलियन डॉलर चाय कम पानी, ज्यादा लग रहा है।
  • पर यहां एक और ट्विस्ट है क्योंकि जॉर्डन एक स्पोर्ट्स  सेलिब्रिटी है, तो उनका बड़े-बड़े पार्टियों में जाना होता है और वहां उनकी मुलाकात जेफ बेजोस से होती है। बेजोस इन तीनों से इतना आगे हैं कि दिमाग घूम जाएगा। क्योंकि इनकी कुल नेटवर्थ 200 बिलियन डॉलर से ऊपर है। 

ऐसा कंपैरिजन इंसान को दुश्मन बना देता है। क्योंकि अगर आप इतिहास को पढ़ेंगे तो पता चलेगा कि इस सोशल कंपैरिजन की वजह लोगों ने बेवकूफ वाली कदम उठाए हैं। क्या आपको पता है कुछ वक्त पहले मशहूर ट्रेडर जैसी लिवर मोर को जब भारी लॉस झेलना पड़ा तो उन्होंने अपनी जान दे दी थी। क्योंकि समाज में उनका नाम खराब हो  गया था और ट्रेडर रजत गुप्ता ने लोगों को चुना लगाना शुरू किया और उन्हें जेल हो गई।  इसलिए इस बात को पहले से समझ लेना बेहद जरूरी है कि जितना मिलता है, उतने को  एक्सेप्ट करें और मेंटली स्ट्रांग बनकर इन्वेस्टिंग के मैदान में उतरे।

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लेसन नंबर थ्री : क्रेजी इज इन द आई ऑफ द बीहोल्डर

  • ऑथर मॉर्गन हाउल बताते हैं कि एक सर्वे में पता चला है कि अमेरिका की वह परिवार जिनकी कमाई कम है, वह साल का 400 डॉलर लॉटरी टिकट खरीदने में खर्च कर देते हैं। इस कारण हालत ऐसी हो गई कि इमरजेंसी के लिए उनके पास 400 डॉलर भी नहीं होते हैं।
  • यह सब जानने के बाद आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि अमेरिका में कैसे से पागल लोग रहते हैं, जो इमरजेंसी फंड को लॉटरी पर खर्च कर देते हैं। मॉर्गन लिखते हैं कि हम उन्हें जज नहीं कर सकते हैं। ऐसा हो सकता है कि कुछ लोगों को इसकी आदत हो गई हो। लेकिन कुछ मजबूरी में करते होंगे
  • एक बार हमें उन्हें उनकी पर्सपेक्टिव से देखना चाहिए। उनकी जिंदगी की शुरुआत एक छोटे से कमरे से हुई है, पैसे नहीं थे। तो अच्छी एजुकेशन नहीं मिल पाई। एजुकेशन अच्छी नहीं थी, तो अच्छी नौकरी या कारोबार नसीब नहीं हुआ और अब जो वह काम करते हैं। उनका कोई फिक्स टाइम नहीं होता है।  इसलिए उनके पर्सपेक्टिव से लॉटरी में पैसा लगाना एक उम्मीद है। उन्हें लगता है कि एक दिन इसी से हमारी जिंदगी बदल जाएगी। लेकिन यहां पर आपका सवाल हो सकता है कि इस एग्जांपल से इन्वेस्टिंग में क्या फायदा होगा?

ऑथर कहते हैं कि आपको इस बात को एक्सेप्ट करना होगा कि हर इन्वेस्टर की कंडीशन, सिचुएशन एंड लाइफ अलग होती है। इसीलिए उनके स्टॉक पोर्टफोलियो को डायरेक्ट कॉपी करना आपके लिए फायदा कम नुकसान ज्यादा दे सकता है। और वह कैसे होगा चलिए समझते हैं।

मान लीजिये कि एक ट्रेन पर आप और वरन बफेट एक साथ सफर कर रहे हैं। उस ट्रेन में आप दोनों की लेटेस्ट फोन चोरी हो जाता है। तो सबसे ज्यादा दुःख किसे होगा। वॉरेन बफे की लिए फ़ोन की कीमत उनकी एक मिनट की कमाई का पैसे के बराबर होगी, लेकिन आप उसे खरीदने का बचपन से सपना देखते आ रहे थे।

या यह भी हो सकता है कि आप उसकी ईएमआई भर रहे थे। ठीक इसी तरह  स्टॉक पोर्टफोलियो में एक बिलिनियर का करोड़ों का नुकसान हो जाए तो भी उनको कुछ खास फर्क नहीं पड़ेगा। जबकि उसी जगह आपके लिए यह बहुत बड़ी बर्बादी हो सकती है। असल बात तो यह है कि डायरेक्ट किसी का पोर्टफोलियो कॉपी करना गलत फैसला है, बल्कि आप रिलेट कर सकते हैं।

लेसन नंबर फोर : पीक ए बू  

  • मेरा आपसे एक सवाल है। आपको क्या लगता है इंसानों को डिप्रेशन की तरफ ले जाने वाली सबसे बड़ी इवेंट क्या थी? वर्ल्ड वॉर टू, फाइनेंशियल क्राइसिस और कोविड-19. शायद आपके पास इसका ठीक से जवाब ना हो। लेकिन हम इतना बोल सकते हैं, की इन इवेंट्स का सबके जिंदगी पर गहरा असर पड़ा था।
  • नासिम टेलेब ने ऐसे इवेंट को अपनी किताब ब्लैक स्वन इवेंट में एक्सप्लेन किया है क्योंकि एक इन्वेस्टर के लिए ब्लैक स्वन इवेंट को समझना बेहद जरूरी है।
  • मॉर्गन लिखते हैं कि इमेजिन करें कि आपने स्टॉक मार्केट में बड़ी इन्वेस्टमेंट कर दी है और आज का 1987 का ब्लैक मंडे है। तो आप भारी गिरावट में कैसे रिएक्ट करेंगे जब मार्केट 24 घंटे में अपने चौथाई का एक हिस्सा 22.6 प्रतिशत नीचे गिर गया है। क्या आप उनमें से होंगे जो बेच दो – बेच दो चिल्लाएगा। या फिर आप रिलैक्स कर रहे होंगे
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मोरल ऑफ द एग्जांपल है कि इन्वेस्टिंग की सफर में कुछ ऐसे इवेंट और वक्त आएंगे  जिसकी किसी ने उम्मीद ना की होगी। लेकिन क्या आप उस इवेंट में साहस के साथ खड़े रहने की ताकत रखते हैं। क्या आप इतने  मेंटली और फाइनेंशली मजबूत हैं कि नुकसान झेल सकते हैं। या आप मोतियों की तरह बिखर जाएंगे।

लेसन नंबर फाइव : द सेडक्शन ऑफ पेसिमिसम

  • मान ले कि तीन दोस्त एक साथ रहते हैं। रोहित, श्याम और फ्रैंकलिन। फ्रैंकलिन ने स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट किया है। मगर रोहित सलाह देता है कि मान लो कि अगर फ्यूचर में देश के बड़े कर्ज न्यू कोविड स्ट्रेन और इंफ्लेशन की वजह से मार्केट डूब गई। तो तुम्हारे पैसे भी डूबेंगे।
  • यह सुनने के बाद शायद कुछ लोग इनकी बात मान लेंगे, जिनकी पॉसिबिलिटी 5 प्रतिशत हो सकती है। क्योंकि नेगेटिव पॉइंट इंसानों को जल्दी अट्रैक्ट करता है। लेकिन वही  श्याम कहता है कि फ्यूचर में तुम्हारे स्टॉक्स बेहतर रिटर्न्स देंगे। क्योंकि रिपोर्ट बताती है कि लोगों की लाइफ एक्सपेक्टेंसी बढ़ेगीरिन्यूएबल एनर्जी भी सस्ते में मिलेगी और लोग टूल्स टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल करेंगे। और देश में एक्सपोर्ट्स बढ़ेगा

तो अगर तुमने अच्छे से रिसर्च करके पैसा लगाया तो रिटर्न्स बेहतर होंगे। हां बस इसके लिए  लंबे समय के लिए इंतजार करना पड़ता है। इसलिए लोग नेगेटिव पॉइंट पर जोर देते हैं  कि उनके अंदर सब्र नहीं होता है। मगर इस मार्केट में जल्दबाज़ी का कोई काम नहीं है। की किसी तरह पैसा कमा भी लिए तो उसकी रेस्पेक्ट नहीं करोगे। इन्वेस्टिंग की सलाह  आप किन लोगों से ले रहे हैं, इस बात को समझना बेहद जरूरी है। 

इसे भी जरूर पढ़े : “As a Man Thinketh – विचारों की शक्ति”

आशा करता हु की The Psychology of Money के Hindi Book Review के इस लेख में पैसों के मनोविज्ञान के बारे में आपको आवश्यक जानकारी मिली होती। अगर फिर भी आपके कोई सवाल हो, तो आप मुझे अपने सवाल मेल कर सकते है।

Email : fiinpodcast@gmail.com

Link to the official website of Morgan Housel: The Psychology of Money

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